रांचीः रांची के जैप वन में 1880 से नवरात्र का आयोजन हो रहा है. जैप-1 में नवरात्र को अनोखे रूप से मनाया जाता है. नवरात्र के पहले दिन से मां की तस्वीर या प्रतिमा रख कर पूजा की जाती है लेकिन जैप-1 में माँ दुर्गे की प्रतिमा की स्थापना नहीं की जाती है. यहां केवल कलश स्थापित कर नौ दिनों तक पूजा होती है. यहां सबसे अनोखी चीज यह है कि सप्तमी के दिन शस्त्रों की पूजा की जाती है.

 

नेपाली समाज की फूलपाती शोभायात्रा निकाली गयी

यहां दुर्गा पूजा के सप्तमी के मौके पर नेपाली समाज की फूलपाती शोभा यात्रा धूमधाम से निकाली गई. यह शोभायात्रा जैप-1 स्थित टिकू हॉल से निकली. यह यात्रा नेपाल हाउस के पीछे स्थित अस्पताल परिसर पहुंची, जहां नवरात्र उपवास करने वाली व्रतियों ने मां की पूजा-अर्चना की. शारदीय नवरात्र में पहले बकरे की बलि दी गई और फायरिंग की गई.

यात्रा में आगे-आगे नौ देवियों स्वरूप नौ कन्याएं नौ विभिन्न रंगों के ध्वज लिये चल रही थीं

फूलपत्ती यात्रा टिकू हॉल से काफी हर्षौल्लास के साथ निकली. यात्रा में आगे-आगे नौ देवियों स्वरूप नौ कन्याएं नौ विभिन्न रंगों के ध्वज लिये चल रही थीं. उनके साथ डोली व जैप बैंड भी थे. नाचते-झूमते व्रतियां फूलपत्ती यात्रा में शामिल हुईं. डोली के पीछे व्रतियां चल रही थीं, जो नौ जगहों पर पेड़ों में पूजा की. जहां-जहां पूजा हुई, वहां-वहां फायरिंग की गई. इसके बाद एक निश्चित स्थान पर भतुआ व एक बकरे की बलि दी गई. मौके पर उपस्थित जैप-1 एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा की इस तरह पूजा पिछले कई सालो से जैप के द्वारा किया जा रहा है ताकि मां दुर्गे हमरे जवान जो की शरहद में अपनी देश की सेवा कर रहे है या फिर जो जवान नक्सली क्षेत्र में तैनात हैं उनसब की मां रक्षा करे.

Share.
Exit mobile version