Johar live desk: बॉम्बे हाई कोर्ट ने युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा के तलाक की प्रक्रिया को तेज करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने फैमिली कोर्ट को 20 मार्च तक तलाक की प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया है। यह फैसला युजवेंद्र चहल की आईपीएल में भाग लेने की प्रतिबद्धता को देखते हुए लिया गया है।
युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा की तलाक की याचिका
युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा ने 5 फरवरी को फैमिली कोर्ट में आपसी सहमति से तलाक की याचिका दाखिल की थी। हालांकि, परिवार अदालत ने 20 फरवरी को छह महीने के कूलिंग-ऑफ पीरियड को माफ करने से इनकार कर दिया था।
हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13B
हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13B के तहत तलाक के लिए छह महीने का कूलिंग-ऑफ पीरियड अनिवार्य होता है, जो समझौते और पुन: मिलन के अवसरों की खोज के लिए दिया जाता है। हालांकि, जब पक्षों के बीच विवाद का कोई समाधान नहीं होता, तो इसे माफ किया जा सकता है।
कोर्ट का फैसला
न्यायमूर्ति माधव जमदार की बेंच ने कूलिंग-ऑफ पीरियड को माफ कर दिया, क्योंकि यह तथ्य ध्यान में रखा गया कि चहल और वर्मा ढाई साल से अलग रह रहे हैं और मध्यस्थता में दोनों के बीच सहमति शर्तों के तहत एलीमनी की भुगतान की शर्तों का पालन किया गया है।
युजवेंद्र चहल की आईपीएल में भाग लेने की प्रतिबद्धता
युजवेंद्र चहल आईपीएल 2025 में राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलेंगे, जो 22 मार्च से शुरू हो रहा है। रॉयल्स 23 मार्च को हैदराबाद में सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ अपना पहला मैच खेलेगी। चहल मार्च के दूसरे सप्ताह में जयपुर में अपनी टीम के प्री-सीजन कैंप से जुड़ गए थे।
न्यायमूर्ति जमदार की टिप्पणी
सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति जमदार ने यह भी कहा कि यह एक दुर्लभ मामला है, जिसमें कोई प्रतिवादी नहीं था, क्योंकि दोनों चहल और वर्मा ने संयुक्त रूप से याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि सहमति शर्तों का पालन किया गया था, क्योंकि स्थायी एलीमनी की दूसरी किस्त का भुगतान तलाक के फैसले के बाद ही किया जाना था।
Read also: Bigg Boss के घर में बंद गधा देखकर PETA इंडिया ने सलमान खान को लिखा लेटर, बंद करो ये मनोरंजन