रांची : टंडवा बाईपास एक बार फिर विस्थापित युवक के खून से रक्तरंजित हो गई. घटना टंडवा रोड कर्बला मोड़ के सामने की है. जहां कुमरंग कला भुनेश्वर साव के 25 वर्षीय पुत्र राजेंद्र कुमार की भीषण सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. वहीं सिमरिया के अदला गांव निवासी बिफा साव के 23 वर्षीय पुत्र अर्जुन कुमार घायल हो गया. उसे इलाज के लिए एंबुलेंस से रांची रिम्स रेफर किया गया है. आक्रोशित ग्रामीणों ने घायलों को नौकरी, मुआवजा और समुचित इलाज की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया है.

किसके आदेश पर हो रही ढुलाई

टंडवा की सड़कों पर खुलेआम कोयला वाहन मौत का तांडव मचा रहे हैं. फर्जी लाइसेंस बनाकर नौसिखिए चालक किसके समर्थन और आदेश से कोयला परिवहन वाहन चला रहे हैं. लोगों कहा कहना है कि जब बड़कागांव हजारीबाग रोड में प्रशासन के आदेश पर लोडेड कोयला वाहनों का परिचालन बंद है तो फिर किसके दबाव में चतरा जिला प्रशासन ने ट्रांसपोर्टिंग कंपनी को केरेडारी कोल माइंस का कोयला टंडवा चतरा रोड से परिवहन करने का आदेश दिया है. सार्वजनिक परिवहन के लिए बनी सड़कों से प्रतिदिन लाखों टन कोयला किसके आदेश पर ढोया जाता है. आम लोग, स्कूली बच्चे, बीमार बुजुर्ग, महिलाएं, कामकाजी लोग कफन बांधकर इन खूनी सड़कों पर चलने को मजबूर हैं.

दोनों ओर वाहनों का कब्जा

हर दिन कोयला ढोने वाले वाहनों से दुर्घटनाओं के बावजूद चतरा डीटीओ और जिला प्रशासन मौन क्यों नजर आता है? जहां सार्वजनिक परिवहन के लिए बनी सड़क की चौड़ाई मात्र 25 से 30 फीट है और इन सड़कों के दोनों तरफ कोयला परिवहन करने वाले वाहनों का कब्जा है. साथ ही सड़क किनारे टायर की दुकानों और वाहन मैकेनिक की दुकानों में टूटे-फूटे कोयला वाहनों की लंबी कतार लगी रहती है. ऐसे में स्थानीय राहगीरों, आम और खास लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. यह सब देखने और समझने के बाद भी चतरा जिला प्रशासन मौन है. बता दें कि चतरा जिला प्रशासन को टंडवा प्रखंड से कोयला, पत्थर और बालू के लिए रॉयल्टी का अधिकांश पैसा मिलता है. फिर भी आम आदमी को अपने हाल पर मरने के लिए छोड़ देना ना सिर्फ अनुचित है बल्कि बेहद अन्यायपूर्ण भी है. हालांकि स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय विधायक और सांसद ने आम यातायात के लिए बनी सड़क से कोयला परिवहन बंद करने की मांग को लेकर 29 जून 2024 से आर्थिक नाकेबंदी और आंदोलन की घोषणा की है. जिसमें विस्थापित किसानों और व्यापारियों का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है.

 

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