नई दिल्ली : मंगलवार को दिल्ली में योग गुरु बाबा रामदेव ने अपने ही मोम के पुतले का अनावरण किया. योग गुरु के पुतले के अनावरण समारोह में पतंजलि योगपीठ के सह संस्थापक आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि योगपीठ (यूके) ट्रस्ट की संस्थापक ट्रस्टी सुनीता पोद्दार भी मौजूद रहीं. न्यूयॉर्क स्थित मैडम तुसाद म्यूजियम में योग गुरु बाबा रामदेव का स्टैच्यू लगाया जाएगा. ऐसा पहली बार है जब किसी सन्यासी की प्रतिमा मैडम तुसाद म्यूजियम में नजर आएगी.
इस स्टैच्यू को बनाने का काम पिछले कई सालों में किया गया. स्वामी रामदेव के पुतले को बनाने के लिए 200 शिल्पकारों ने अलग-अलग तरीके से नाप लिया था. इसके लिए पहले ही बाबा रामदेव की कद और काठी की माप ले ली गई थी. इतना ही नहीं बाबा रामदेव के एक्सप्रेशन्स को भी रिकॉर्ड किया गया था.
अपनी प्रतिकृति का अनावरण के बाद बाबा रामदेव ने कहा कि जिस तरह की शिल्पकार है उसमें उसे घाव भी दिखाया गया है जो मुझे 8 साल की उम्र में लगा था. दुनिया के लोगों को ऐसे रोल मॉडल से सीखने को मिले इसलिए तुषाड म्यूजियम में लगाया जा रहा है. सिंगापुर से उनके शिल्पकार लगातार यहां आते थे और जांचते थे कि कहीं मेरे आकार में या रंग में कोई बदलाव तो नहीं आया है. लाखों बाल उनके शरीर में हाथों से लगाए गए हैं.
यह सब प्रेरणा लेने के लिए किया जा रहा है. हम कहते हैं चित्रण नहीं चरित्र से प्रेरणा को और चरित्र की पूजा करो. एक संन्यासी को विश्व के सबसे बड़े वैक्स म्यूजियम के अट्रैक्शन में शामिल कर सम्मान और गौरव दिया है. यह संकेत है कि आने वाला शताब्दी भारत की है.
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