Joharlive Desk

नयी दिल्ली। प्रवासी मजदूरों को सम्मान सहित उनके घर पहुंचाने की मांग को लेकर राजघाट पर धरना दे रहे पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और विधायक दिलीप पांडेय को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है।

श्री सिन्हा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमें दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।पुलिस के एक अधिकारी ने हालांकि गिरफ्तारी की बात से इनकार करते हुए कहा कि सभी को धरना स्थल से हटाकर राजेंद्र नगर थाने ले जाया गया और कुछ देर के बाद सभी को रिहा कर दिया गया है।

श्री सिन्हा ने इससे पहले एक ट्वीट में कहा कि मैं आज सुबह 11 बजे से राजघाट पर धरने पर बैठ रहा हूं। हमारी मांग है कि सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों की मदद से प्रवासी मजदूरों को गरिमा के साथ उनके घर ले जाया जाए, ना कि उनको मारा जाए और सड़कों पर मरने के लिए छोड़ दिया जाए। आपका समर्थन चाहिए।

आप विधायक दिलीप पांडेय ने कहा कि नफ़रत भड़काने वाले सांसद को भाजपा की पुलिस गिरफ्तार नहीं करती, लेकिन मजदूरों के हक़ की आवाज़ उठाई, तो हम सबको गिरफ़्तार कर लिया।

प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के मुद्दे को लेकर सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिंहा दिल्ली में राजघाट पर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, तिमारपुर से आप विधायक दिलीप पाण्डेय और आरजेडी राज्यसभा सांसद मनोज झा भी श्री सिंहा को अपना समर्थन देने राजघाट पहुँचे।

श्री सिन्हा ने कहा कि इतने दिन गुजर गए मजदूरों की घर वापसी के लिए जितना इंतेजाम होना चाहिए था वो नहीं हुआ है। आज स्थिति यह है कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों पर थोप रही है और राज्य सरकारें केंद्र सरकार पर थोप रही हैं। हम सब यहां बैठे है इस मांग को लेकर की तत्काल भारत सरकार सेना को ये जिम्मेदारी दे कि सेवा अपने संसाधनों के साथ 24 घंटे के अंदर सभी प्रवासी मजदूरों सम्मान के साथ उनके घर तक छोड़ कर आये।

राज्यसभा सांसद सिंह ने कहा कि एक संवेदनहीन सरकार केंद्र की सत्ता पर बैठी हुई है जिसको गरीबों की चिंता नहीं है। गरीब-मजदूरों को इन्होंने सड़कों पर तथा ट्रेन की पटरियों पर मरने के लिए छोड़ दिया है, वहीं अमीरों को हवाई जहाज से बुला रहे है। यह सरकार गरीब विरोधी सरकार है। अमीरों के हित में खड़ी होने वाली सरकार है।

उन्होंने कहा कि श्री सिंहा एक जायज मांग को लेकर धरने पर बैठे है, इसलिए आज हम सब उन्हें अपना समर्थन देने यहां आये हैं। एक जागरूक नागरिक का कर्तव्य है कि ऐसे मुद्दों का समर्थन करें जो जनहित का बड़ा मुद्दा है। आज भूखे पेट मजदूरों, बच्चों को जानवरों की तरह पीटा जा रहा है। मध्यप्रदेश में इनकी, सरकार है, उत्तर प्रदेश में इनकी सरकार, गुजरात में इनकी सरकार, केंद्र में इनकी सरकार, बिहार में इनकी सरकार भी हर जगह मजदूरों पर डंडे बरसाये जा रहे है। गृहमंत्री कह रहे है कि हमने आदेश जारी कर दिया है राज्यों में बसों की व्यवस्था की जायेगी और लोगों को घर पहुँचाया जायेगा मैं पूछना चाहता हूँ कहा है उनका आदेश।

वहीं विधायक पाण्डेय ने कहा कि किसी भी सरकार के कामकाज से पता चलता है कि उनकी मंशा क्या है। आज केंद्र की सत्ता पर बैठी सरकार हवाई जहाज पर चलने वाले लोगों की फ्रिक कर रही है, हवाई चप्पल पहनने वालों की कोई फ्रिक नहीं है। हवाई चप्पर वालों को छोड़ दिया है काली गर्म सड़क पर अपनी एड़ियां घिस के मरने के लिए। मजदूरों की घर वापसी की माँग को लेकर अनशन पर बैठे श्री सिंहा की माँग जायज है। इस माँग में हम भी अपना समर्थन देने बैठे है और इस उम्मीद के साथ बैठे है कि केंद्र सरकार से नहीं हो पा रहा है, राज्य की पुलिस से व्यवस्था नहीं कर पा रही है तो सेनाओं को यह काम सौंप दें। आर्मी ने पीस टाइम में पहले भी काम किया है। जवा्नोंको बुलाकर बार्डर पर बस तथा ट्रेनों के माध्यम से मजदूरों को ससम्मान उनके घर छोड़ा जाये।

सांसद झा ने कहा कि लॉकडाउन के दूसरे चरण के बाद मीडिया ने जब प्रवासी मजदूरों के पैदल घर जाने की तस्वीर दिखाई तो केंद्र सरकार ने आधे- अधूरे मन से थोड़ा प्रयास किया था। बावजूद उसके आज भी सड़कों पर लोग मर रहे है। आज इस पहल के माध्यम से हम सरकार से इतना कहना चाहते हैं,आपके कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत के बीच फासला बहुत बढ़ रहा है। अगर इस फासले को खत्म नहीं किया गया तो वो दिन दूर नहीं जब हमारा मुल्क खंड-खंड में बंट जायेगा।

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