रांची : राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में अव्यवस्था कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. वहीं प्रबंधन का दावा है कि सभी चीजें पटरी पर है. लेकिन आए दिन मरीजों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 400 करोड़ के सालाना बजट वाले हॉस्पिटल में एक्सरे की प्रिंटर पिछले कई दिनों से खराब पड़ी है. इस वजह से मरीजों को एक्सरे का प्रिंट नहीं मिल पा रहा है. ऐसी स्थिति में मरीजों को रिपोर्ट उनके मोबाइल में दी जा रही है. जिससे कि वे अपना इलाज शुरू करा सके. बता दें कि रिम्स में लाखों रुपए की एक्सरे मशीनें और प्रिंटर है.

केवल फ्यूजी फिल्म पर फोकस

हॉस्पिटल प्रबंधन का फोकस हॉस्पिटल में चल रही फ्यूजी फिल्म पर है. जबकि हॉस्पिटल में केयरस्टीम कंपनी की भी प्रिंटर है. इसके बावजूद प्रबंधन केवल फ्यूजी फिल्म के प्रिंटर और एक्सरे फिल्म ही मंगवाता है. फिलहाल फ्यूजी फिल्म का प्रिंटर खराब है. लेकिन केयरस्टीम की मशीन चालू है. एक्सरे फिल्म नहीं होने से वह मशीन बेकार पड़ी है. अगर फिल्म की सप्लाई हो जाती तो मरीजों को एक्सरे की रिपोर्ट फिल्म के साथ मिलती.

केस 1

राज कुमार के परिजन के हाथ का एक्सरे किया गया. लेकिन उसे रिपोर्ट नहीं मिली. बाद में उसे मोबाइल पर इमेज खींचकर दिया गया.

केस 2

सूरज साव के परिजन के पैर का एक्सरे करने को डॉक्टर ने लिखा. एक्सरे कराने के बाद उन्हें रिपोर्ट तो नहीं मिली. उन्हें भी मोबाइल से फोटो खींचने को कहा गया.

इस मामले में रिम्स के पीआरओ डॉ राजीव रंजन ने कहा कि ऐसी जानकारी तो उन्हें नहीं है. फिल्म तो समय-समय पर सप्लाई की जाती है. जहां तक मोबाइल पर रिपोर्ट की बात है तो तत्काल किसी मरीज को तुरंत डॉक्टर को दिखाने के लिए दे दिया जाता है. हमारी प्रिंटर मशीन में कुछ अपडेट आया है. जिस वजह से फिल्म प्रिंट नहीं हो रहा है. 48 घंटे में टेक्निशियन विजिट करेगा. इमरजेंसी की स्थिति में सीटी स्कैन की मशीन से भी प्रिंट दिया जा रहा है.

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