Shardiya Navratri Day 1: शैलपुत्री पार्वती हैं जिनका शिवपुराण में वर्णन शैलपुत्री देवी माँ दुर्गा की राजा हिमवंत की पुत्री के रूप में होता है. माता भौतिक चेतना हैं. माता पार्वती हैं. शैलपुत्री इस पृथ्वी ग्रह की अभिव्यक्ति हैं, जिसमें इस पृथ्वी पर और दुनिया के भीतर जो कुछ भी दिखाई देता है, वह शामिल है. माता पत्थर के समान अडिग हैं. परवर्तराज हिमालय की पुत्री माता शैलपुत्री की पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है. जिन लोगों का विवाह नहीं हो पा रहा है या विवाह में परेशानियां आ रही हैं उन्हें शैलपुत्री माता की पूजा से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं. माता की पूजा से ग्रह-कलेश दूर व आरोग्य का वरदान भी माता देती हैं.
माता सती का पुनर्जन्म है. माता को सफेद पुष्प, सफेद वस्त्र, और सफेद मिष्ठान पसंद है.

माता शैलपुत्री के स्तोत्र:

प्रफुल्ल वंदना पल्लवाधरां कातंकपोलां तुंग कुचाम् ।                                                                                                                 

कमनीयां लावण्यां स्नेमुखी क्षीणमध्यां नितम्बनीम् ॥

शक्ति स्तुति:

या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:।

मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप माता शैलपुत्री के पूजन से संतान वृद्धि और धन व ऐश्वर्य की शीघ्र प्राप्ति होती है। मां सर्व फलदायी हैं.

प्रसिद्ध ज्योतिष
आचार्य प्रणव मिश्रा
आचार्यकुलम, अरगोड़ा, राँची
8210075897

 

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