बसंत पंचमी ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित है. इस दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. हर साल हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस अवसर पर इन मंत्रों और वंदना से करें ज्ञान की देवी की अराधना.

सरस्वती मंत्र- मां सरस्वती को विद्या और बुद्धि का दाता कहा जाता है. इस दिन विद्या का अध्ययन करने वालों सभी को मां सरस्वती की पूजा अर्चना जरूर करनी चाहिए. इस दिन अक्षर, शब्द, अर्थ और छंद का ज्ञान देने वाली मां सरस्वती की ये विशेष वंदना करने से मां अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती हैं.

सरस्वती वंदना-धार्मिक मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन ही ब्रह्माजी के आशीर्वाद से मां सरस्वती प्रकट हुई थीं. इस दिन स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थानों में मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है.

सरस्वती आरती-

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥

चंद्रवदनि पद्मासिनी, ध्रुति मंगलकारी।
सोहें शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ जय…..

बाएं कर में वीणा, दाएं कर में माला।
शीश मुकुट मणी सोहें, गल मोतियन माला ॥ जय…..

देवी शरण जो आएं, उनका उद्धार किया।
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥ जय…..

विद्या ज्ञान प्रदायिनी, ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह, अज्ञान, तिमिर का जग से नाश करो ॥ जय…..

धूप, दीप, फल, मेवा मां स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥ जय…..

मां सरस्वती की आरती जो कोई जन गावें।
हितकारी, सुखकारी, ज्ञान भक्ती पावें ॥ जय…..

जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय…..

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ।
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय…..

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