नई दिल्ली : विश्व माली या माली के नाम जानाजाने वाली दुनिया के सबसे दुखी हाथी की 43 साल की उम्र में मौत हो गई. बताते चलें कि ये मादा हाथी फिलीपींस के मनीला चिड़ियाघर में अकेली रहती थी. माली को परमार्थ संस्था पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) ने ‘दुनिया का सबसे दुखी हाथी’ करार दिया था.
बीमारी बना मौत का कारण
चिड़ियाघर के मुख्य पशु चिकित्सक डॉक्टर हेनरिक पैट्रिक पेना-डोमिंगो ने देखा कि माली एक दीवार से खुद को रगड़ रही थी, जिससे पता चला कि वह दर्द में है. मंगलवार को उसकी हालत बिगड़ गई और वह जोर-जोर से सांस लेते हुए जमीन पर गिर गई. चिकित्सकों ने उसे एंटीथिस्टेमाइंस और विटामिन दिए, लेकिन दोपहर में उसकी मृत्यु हो गई. मुख्य पशु चिकित्सक ने बताया कि माली के शव की जांच की गई, जिससे पता चला कि उसे पैनक्रिएटिक कैंसर था.
मनीला की मेयर हनी लकुना के अनुसार माली मौत के समय अंदाजन 43 वर्ष की थी. एक फेसबुक पोस्ट में लकुना ने अपने बचपन की यादें साझा कीं, जब वह चिड़ियाघर घूमने गए थे. उन्होंने कहा, ‘माली हमारे लिए काफी खास थी. वह मनीला चिड़ियाघर के आकर्षण का केंद्र थी. वह अब नहीं रहीं, इसे जानकर बहुत दुख हो रहा है.’
एकमात्र दोस्त ने भी छोड़ दिया था साथ
एक रिपोर्ट के अनुसार, मूल रूप से श्रीलंका के रहने वाले मादा हाथी माली को 1981 में श्रीलंका सरकार ने फिलीपींस की पूर्व प्रथम महिला इमेल्डा मार्कोस को उपहार में दिया था. चिड़ियाघर में उसका एक दोस्त शिव नाम का हाथी था, लेकिन 1990 में उसकी मौत हो गई थी, जिसके बाद वह यहां अकेली रह गई थी.
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