रांची: मानव शरीर में दिल का रोल इंपार्टेंट है. पूरे शरीर के लिए कहे तो यह पावर हाउस का काम करता है. लेकिन लोग इसका अच्छे से ख्याल नहीं रखते है. कुछ ऐसा ही हाल के दिनों में देखने को मिल रहा है. जहां जिम में ज्यादा पसीना बहाना लोगों के दिलों को कमजोर बना रहा है. इतना ही नहीं जरूरत से ज्यादा वर्कआउट के कारण लोगों को हार्ट अटैक की समस्या हो रही है. ये हम नहीं बल्कि शहर के जाने माने कार्डियोलॉजिस्ट डॉ राजेश कुमार झा कह रहे है. वह बताते है कि लोगों की लाइफस्टाइल और फूडिंग ने लोगों को बीमार कर दिया है. जिसका सीधा असर लोगों के दिल पर पड़ रहा है.

30-40 उम्र वाले मरीज बढ़े

राज हॉस्पिटल के डॉ राजेश का मानना है कि पिछले 6 से सात सालों में हार्ट के मरीजों का एज ग्रुप बदल गया. अब 30-40 साल वाले लोग हार्ट अटैक की चपेट में आ रहे है. इसके अलावा अब 30 साल से कम के युवाओं में भी अचानक से हार्ट अटैक की समस्या हो रही है. इसलिए हेल्दी लाइफस्टाइल जरूरी है. स्ट्रेस को खुद पर हावी न होने दे. किसी भी तरह की परेशानी होने पर तत्काल डॉक्टर से कंसल्ट करे. इससे परेशानी का समय रहते इलाज किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि पहले 50-60 एज ग्रुप वालों में हार्ट अटैक की समस्या देखने को मिलती थी. लेकिन वेस्टर्न लाइफस्टाइल से सबकुछ बदल गया.

योगा और वाक सबसे बेस्ट

हेल्दी लाइफ के लिए वर्कआउट जरूरी है. लेकिन यह जरूरत से ज्यादा नहीं होना चाहिए. इसके बावजूद लोग जिम में घंटों तक पसीना बहा रहे है. वहीं जिम करने के लिए उन्हें एक्सट्रा सप्लीमेंट दिए जा रहे है. इसके बाद लोग उत्साहित होकर और ज्यादा वर्कआउट करना शुरू कर दे रहे है. जो सीधे आपके दिल को नुकसान पहुचा रहा है. उन्होंने कहा कि योगा और वाक सबसे बेस्ट एक्सरसाइज है. इसके अलावा किसी और चीज की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.

केस 1

24 साल का युवक जॉब करता है. उसे पहले से कोई भी बीमारी नहीं थी. कुछ दिन पहले उसे हार्ट अटैक आया. इसके बाद उसे स्ट्रोक भी आया. ट्रीटमेंट के बाद उसकी कंडिशन में सुधार है.

केस 2

28 साल का युवक बिलकुल फिट था. उसे कोई समस्या नहीं थी. लेकिन उसे भी हार्ट अटैक आया. परिजन तत्काल लेकर हॉस्पिटल पहुंचे. जहां देर न करते हुए डॉक्टरों ने उसका ट्रीटमेंट किया.
अब मरीज स्टेबल है.

 

 

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