कोडरमा: राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह के अवसर पर कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, जयनगर में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसका उद्देश्य छात्राओं को आत्महत्या के कारणों और इसके पूर्व पहचान के उपायों के बारे में जागरूक करना था. राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. आशीष राज ने कहा कि आत्महत्या मृत्यु का एक प्रमुख कारण है जो सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है. उन्होंने बताया कि वर्तमान परिपेक्ष्य में आत्महत्या एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन गई है. युवावस्था में युवाओं को करियर, जॉब, रिश्ते, व्यक्तिगत इच्छाएं और भविष्य की पढ़ाई जैसे मुद्दों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में आत्महत्या की संभावना बढ़ जाती है. वहीं सिद्धान्त ओहदार ने आत्महत्या के सामाजिक पहलुओं पर विस्तृत जानकारी साझा की. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सामाजिक और नैतिक मूल्यों में गिरावट, परिवारिक टूट और अकेलापन लोगों को धीरे-धीरे आत्महत्या की ओर प्रेरित कर सकता है. ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए लोगों को चिकित्सक से संपर्क कर सलाह लेनी चाहिए और पीड़ित व्यक्ति को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए.