रांचीः देश और राज्य में अब महिला आरक्षण विधेयक चर्चा का विषय बन गया है. केंद्रीय कैबिनेट ने संसद के विशेष सत्र के बीच सोमवार को इसे मंजूरी दे दी है. इसके तहत लोकसभा और विधानसभा जैसी निर्वाचित संस्थाओं में 33 फीसदी महिला आरक्षण का प्रावधान है. अगर झारखंड की बात की जाए तो राज्य गठन के बाद से महिलाओं के राजनीतिक प्रतिनिधित्व में साल दर साल इजाफा ही हुआ है. लेकिन यह संख्या पर्याप्त नहीं है.
झारखंड से लोकसभा में दो महिला सांसद हैं. जिसमें बीजेपी की अन्नपूर्णा देवी और कांग्रेस की गीता कोड़ा शामिल हैं. वहीं झारखंड विधानसभा में महिला सदस्यों का अनुपात साल 2000 में पांच फीसदी था, जो अब 10 फीसदी हो गया है. विधानसभा में चुनाव लड़ने वाली महिलाओं की संख्या में 50 फीसदी की वृद्धि देखी गई. अधिक संख्या में आदिवासी महिलाएं विधानसभा के लिए निर्वाचित हो रही हैं.
झारखंड में 75 फीसदी महिला विधायक आदिवासी समुदाय से हैं. 2005 से 2014 के बीच एसटी महिला विधायकों का प्रतिशत 33 फीसदी से बढ़कर 75 फीसदी हो गया है. झारखण्ड विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या बढ़कर अब 13 हो गई है. राज्य गठन के बाद यह अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है. झारखंड विधानसभा में निर्वाचित होने वाली एसटी महिलाओं की संख्या में वृद्धि हुई है.
चुनाव वर्ष महिला प्रत्याशी कितने की जीत
2009 107 08
2014 111 09
2019 127 13
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