Joharlive Desk

सीवान। पूरे देश में कोरोना वायरस महामारी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। वहीं कई ऐसी घटनाएं भी सामने आ रही हैं जिनमें मरीजों को अपने इलाज के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। बिहार की स्थिति खराब है। यहां कोरोना संदिग्ध अस्पताल के बाहर पड़े हुए हैं और उनका इलाज कराने के लिए मिन्नतें करनी पड़ रही हैं। 

ऐसा ही एक मामला सूबे के सीवान जिले से सामने आया है। यहां के एक सदर अस्पताल के बाहर आपातकालीन वार्ड के ठीक आगे एक महिला सुबह से पड़ी हुई थी। सुबह से लगातार बारिश भी हो रही थी और ऐसे में वह भीगती रही। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन मूकदर्शक बना रहा।

सिविल सर्जन यदुवंश शर्मा से जब इस मामले के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उन्होंने साफ कर दिया कि महिला कोरोना मरीज नहीं है। उन्होंने कहा कि डीएम द्वारा मुझे सूचना दी गई और हमने तुरंत संज्ञान लिया। वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के गृह जिले का अस्पताल लगातार तीन बड़े मामलों से एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। सोशल मीडिया पर खबर वायरल होने के बाद यूजर्स ने दावा किया कि महिला को अस्पताल प्रशासन ने भर्ती कराया और उसका इलाज शुरू हो गया है। उसका कोरोना परीक्षण भी कराया जाएगा।

शिबली नाम की यूजर ने ट्वीट कर कहा, ‘कुछ घंटे पहले, मेरे घर के पास रहने वाले एक फल विक्रेता के बच्चे को सांप ने काट लिया था। यहां भारी बारिश हो रही थी, इसलिए उसे सरकारी अस्पताल ले जाने के लिए कोई सुविधा नहीं मिली। मैंने उसे अपनी बाइक पर बैठाया और वहां मैंने एक भयानक दृश्य देखा। एक वृद्ध महिला दर्द से छटपटा रही थी और अस्पताल परिसर में खुले आसमान के नीचे फर्श पर पड़ी थी। मैंने अटेंडेंट से पूछा, उसे क्या हुआ है, उसने जवाब दिया वह कोरोना पॉजिटिव है। मैंने फिर पूछा, तुम लोग उसका इलाज क्यों नहीं कर रहे हो? उन्होंने कहा, कोई भी उसकी देखभाल करने के लिए साथ नहीं है। वह अकेली है। मैंने अस्पताल वालों से कहा कि अगर कोई उसकी मदद नहीं करेगा तो वह मर जाएगी। उन्होंने कहा कि हम क्या कर सकते हैं।’ यूजर ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई। जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने महिला को भर्ती कर उसका इलाज शुरू किया।

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