बोकारो : बेरमो अनुमंडल के पेटरवार क्षेत्र में वट सावित्री पूजा चतुरदर्शी तिथि के दिन अर्थात अमस्या के एक दिन पहले ही यहां के महिलाएं सदियों से चली आ रही परम्परा को निभा रही है. इस कड़ी में पेटरवार की महिलाओं ने छठ तालाब स्थित वट वृक्ष के नीचे बैठ कर पूजा अर्चना की और अपने पति की लम्बी आयु की कामना की. पूजा सिन्हा ने बताया कि यह पर्व महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस दिन पत्नी अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए ये व्रत रखती है. जबकि यह पर्व ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत को मनाया जाता है. साथ ही बताया कि वट सावित्री का व्रत 6 जून को है. वहीं पेटरवार की व्रती संध्या सिन्हा ने कहा कि पेटरवार की परम्परा है कि इस पर्व को एक दिन पहले मनाया जाता ह. वट सावित्री पूजा में पहले सावित्री, सत्यवान और यमराज की मूर्ति वट वृक्ष के नीचे बनाई जाती है. उसके बाद वट वृक्ष की जड़ में जल, फूल-धूप और मिठाई से पूजा की जाती है. इसके बाद कच्चा सूत लेकर वट वृक्ष की परिक्रमा की जाती है. भीगा चना लेकर सावित्री सत्यवान की कथा सुनते है. उसके बाद पत्नियां अपने पति को पंखे से हांक कर अर्शीवाद लेती है. पति के द्वारा पत्नी को अन्न-जल ग्रहण करवाकर व्रत उपवास तोड़वाते है.

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