हजारीबागः करमा परब की धूम पूरे झारखंड में देखने को मिल रहा है. पूजा के दूसरे दिन भी गांव घर की बेटियां और महिलाएं अखड़ा में पारंपरिक नृत्य करतीं नजर आ रही हैं. हजारीबाग के ग्रामीण क्षेत्रों में करमा का उत्साह देखते ही बन रहा है.

करमा पूजा की धूम अगर देखना हो तो ग्रामीण क्षेत्र की ओर रुख करना होगा. जहां ग्रामीण करमा पूजा के उल्लास में दूसरे दिन भी डूबे हुए हैं. जहां पहले मांदर, नगाड़ा, ढोल, ताशा दिखाई देता था, आज उसकी जगह डीजे ने जरूर बना लिया है. लेकिन आदि परंपरा की झलक अभी-भी दिखाई देती है.

जिला में गांव की बेटियां अखड़ा में करमा के मौके पर खूब मस्ती करमा के दौरान करती दिख रही हैं. आदिवासी पारंपरिक नृत्य डमकच, झूमर के साथ-साथ फिल्मी गानों पर भी गांव के लोग खूब थिरक रहे हैं. जहां गांव का हर एक परिवार का सदस्य आपको अखड़ा में दिख जाएगा और वह भी नाचते-गाते और झूमते हुए. सबसे खास बात है कि इस अखड़ा में करमा के दूसरे दिन कोई भी पुरुष सदस्य नहीं दिखेगा. गांव में यह परंपरा रही है कि गांव की बिटिया के साथ दूसरे परिवार के पुरुष नृत्य नहीं कर सकते हैं. इस कारण दूसरे दिन अखड़ा में कोई भी पुरुष सदस्य नहीं दिखाई देते हैं.

आज करमा का दूसरा दिन है, इस दिन जहां करमा का डाल नदी या तालाब में प्रवाहित यानी विसर्जित किया जाता है. इस दौरान बहन अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं और यही कहती हैं कि करमा अगले साल फिर आना, खुशियां लेकर आना और हमारे भाइयों को लंबी उम्र देना.

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