गुमला: गुमला जिले के घाघरा प्रखंड के देवाकी कुसुमटोली गांव में डायरिया भयावह रूप लेता जा रहा है. डायरिया से ग्रसित कुसुमटोली गांव निवासी 30 वर्षीय प्रतिमा उरांव की मौत हो गई. इसके बाद परिजन शव को लेकर गांव पहुंचे. वहीं परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग को जमकर कोसा. परिजनों ने सदर अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों के अनुसार प्रतिमा को एक दो बार दस्त हुआ और उल्टी भी करने लगी. इसके बाद सदर अस्पताल गुमला ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान प्रतिमा ने दम तोड़ दिया.

नंबर के चक्कर में गई जान

मृतिका के देवर नीरज उरांव ने सदर अस्पताल गुमला पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. नीरज ने कहा बिगड़ती स्थिति को देखते हुए हमने बेहतर उपचार के लिए सदर अस्पताल गुमला में भाभी प्रतिमा को एडमिट करने का फैसला लिया. हम कई बार इलाज के लिए निवेदन करते रहे लेकिन सदर अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी का एक ही रटा रटाया जवाब मिला कि नम्बर से ही डॉक्टर देखेंगे. उनके नंबर के चक्कर में मेरी भाभी बेमौत मर गई. मृतका के तीन बच्चों के पालन पोषण और उनके भविष्य की चिंता सता रही है. बसन्दर उरांव पलायन कर ईंट भट्ठे में कमाकर अपने परिवार का भरण पोषण करता है. उसकी पत्नी बच्चों को लेकर घर में रहती थी. अब पुत्री 6 वर्षीय वंदना, 3 वर्षीय अनुष्का और डेढ़ वर्षीय नमन का पालन पोषण कैसे होगा, इसे लेकर परिजन चिंतित हैं.

हर घर में है डायरिया के मरीज

डायरिया से ग्रसित प्रतिमा की मौत के बाद कुसुमटोली गांव के ग्रामीणों के बीच भय का माहौल बना हुआ है. क्योंकि 100 घर वाले गांव में सभी घरों के 1-2 सदस्य डायरिया की चपेट में हैं. प्रतिमा कि डायरिया से मौत की खबर सुनते ही लोगों में अपने और परिवारजनों के जीवन की संकट पर चिंता सताने लगी है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की टीम शुक्रवार को गांव पहुंची लेकिन स्थिति नियंत्रण में नहीं है.
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