Joharlive Team

धनबाद। प्रसव के 28 घंटे बाद महिला की मौत पर परिजनों ने आपा खो दिया। नाराज परिजनों ने झरिया के मातृ सदन अस्पताल में जमकर हंगामा किया। आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ भी की। सूचना मिलने के बाद पहुंची झरिया थाना पुलिस ने किसी तरह मामले को शांत कराया। परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।

तीसरा थाना क्षेत्र के मुकुंदा के रहनेवाले सुनील साव ने अपनी गर्भवती पत्नी नेहा को प्रसव के लिए दो दिन पहले मातृ सदन में भर्ती कराया था। प्रसव के बाद अस्पताल की डॉक्टर फरहा, प्रसूता नेहा का इलाज कर रहीं थीं। महिला के भाई मनीष गुप्ता ने बताया कि 28 घंटे पहले ऑपरेशन से बहन प्रसव का प्रसव कराया गया। सभी लोग खुश थे। अचानक मां ने उसे फोन कर सूचना दी कि बहन की तबीयत अचानक खराब हो गई। वे अस्पताल पहुंचे तो ड्यूटी में तैनात नर्सों से बहन के बारे में जानकारी मांगी लेकिन किसी ने कोई भी जानकारी नहीं दी।

अस्पताल में कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था, काफी परेशान होने के बाद भी किसी ने कोई जानकारी नहीं दी. इधर उसकी मौत हो गई। महिला के भाई ने इलाज में लापरवाही बरतने और डॉक्टर नहीं होने के कारण प्रसूता की मौत का आरोप लगाया है। वहीं मातृ सदन ट्रस्ट के सचिव रमेश अग्रवाल ने कहा कि अक्सर मरीज की मौत के बाद उनके परिजन आवेशित हो जाते हैं। इस कारण यह घटना घटी है, हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि नर्स और डॉक्टर में तालमेल की थोड़ी कमी है। ट्रस्ट की बैठक में इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा।

वहीं मौके पर पहुंचे झरिया थाना के इंस्पेक्टर पीके सिंह ने बताया कि मरीज के परिजन और अस्पताल प्रबंधन दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ लिखित शिकायत की है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि उन्होंने दोनों ओर से सुलहनामे की बात भी कही है। इसके साथ ही इंस्पेक्टर ने कहा कि आए दिन मातृ सदन में मौत के बाद हंगामे की सूचना मिल रही है. इसके लिए जिले के सिविल सर्जन से संपर्क कर उन्हें अवगत कराया जाएगा।

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