पाकुड़: एक ओर पुलिस कप्तान जहां पब्लिक और पुलिस के बीच बेहतर संबंध कायम करने का दावा कर रहे हैं तो दूसरी ओर उनके विभाग के कर्मचारी और अधिकारी ही पुलिस की फजीहत कराने से बाज नहीं आ रहे. ऐसा ही नजारा मंगलवार को पाकुड़ जिला मुख्यालय में देखने को मिला. न्याय की गुहार में एक आदिवासी महिला पाकुड़-दुमका मुख्य सड़क पर कोर्ट के मुख्य द्वार के सामने सड़क पर लेट गई.
सड़क पर लेटी महिला अपने साथ हुए जुल्म और अत्याचार के खिलाफ आरोपी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की गुहार लगा रही थी. महिला के सड़क पर लेट जाने के कारण लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई और सड़क जाम हो गया. लोगों ने जब सड़क पर लेटी महिला से जब पूछताछ की तो मामला कुछ और निकला. महिला ने बताया कि उसके साथ पति की ओर से बदसलूकी और दुष्कर्म की कोशिश की गई.
इसी मामले की शिकायत करने पीड़िता महिला थाना पहुंची थी और उसे यह कहकर भगा दिया गया कि पति-पत्नी से संबंधित विवाद की सुनवाई महिला थाना में होती है. महिला के सड़क पर लेट जाने और सड़क जाम की खबर मिलते ही नगर थाने की पुलिस व्यवहार न्यायालय के पास पहुंची और पीड़िता को अपने साथ महिला थाना ले आई.
इस मामले को लेकर पुलिस निरीक्षक गोपाल कृष्ण यादव ने बताया कि एक महिला सड़क पर बैठ गई थी और सूचना मिलते ही उसे थाना ले आई और उसकी शिकायत पर महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है.