रांची। कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन साक्ष्य और गवाह के अभाव की वजह से दो मामलों में शनिवार के बरी हो गया। दोनों मामलों में गवाहों ने कुंदन पाहन को पहचानने से इनकर कर दिया। तब अपर न्यायायूक्त मनीष रंजन के कोर्ट ने बरी करने का फैसला सुनाया। पहला मामला तमाड़ थाना कांड संख्या 09/2009 और दूसरा कांड संख्या बुंडू थाना कांड संख्या 87/2009 है, जिसमें कुंदन पाहन बरी हुआ है। पहले मामले में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ था। जान-माल का नुकसान नहीं हुआ था. पुलिस को चिकित्सा से जुड़े कई सामान मिले थे. इस मामले में पुलिस के द्वारा कुंदन पाहन समेत 8 लोगों को आरोपी बनाया गया था। जिसमें से सात का अदालत ने पहले ही साक्ष्य और गवाह के अभाव में बरी कर चुका है।
दूसरा मामला बुंडू थाना क्षेत्र से जुड़ा है, इस मामले में नक्सलियों के द्वारा झारखंड बंद बुलाया गया था। बंद को सफल बनाने और दहशत फैलाने की नियकत से सड़क को ब्लॉक कर दिया गया था। आवागमन बाधित हो गया था। पुलिस को सूचना मिली। पुलिस मौके पर पहुंची। बंद सड़क को चालू कराने का प्रयास ही चल रहा था, तभी नक्सलियों द्वारा फायरिंग शुरू कर दी गई। जवाबी कार्रवाई में पुलिस के द्वारा भी फायरिंग की गई। इस मामले में भी किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ था। पुलिस के द्वारा मामले में कुंदन पाहन समेत छह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया गया था। जिसमें से पांच को पहले ही कोर्ट ने बरी कर दिया है।