रांची : आज की रात साल की सबसे लंबी रात है और दिन सबसे छोटा रहेगा. यह खगोलीय घटनाक्रम के तहत होता है. भूगोल की भाषा में इसे शीत अयनांत (Winter Solstice) कहते हैं. दरअसल खगोलीय घटनाक्रम सूर्य के चारों तरफ पृथ्वी घूमती है. 22 दिसंबर के दिन सूर्य, मकर रेखा के सीध में होता है. इसके कारण उत्तरी गोलार्ध के देशों तक सूर्य की रौशनी ज्यादा देर तक नहीं पहुंच पाती. इसके कारण उन देशों में 22 दिसंबर का दिन सबसे छोटा होता है. अगर राजधानी रांची की बात करें तो आज यहां 13 घंटे 18 मिनट की रात होगी. वहीं दिन 10 घंटे 42 मिनट का होगा.
क्या है विंटर सॉल्सटिस ?
इस दिन को विंटर सॉल्सटिस भी कहा जाता है. दरअसल सॉल्सटिस लैटिन शब्द सोल और सेस्टेयर से मिलकर बना है. इसमें सोल का अर्थ सूर्य और सेस्टेयर का मतलब स्थिर रहने से है. जिसका अर्थ सूर्य अभी स्थिर है से है. वैज्ञानिकों के मुताबिक सॉल्स्टिस के समय सूर्य उत्तर या दक्षिण की तरफ अपनी दिशा बदलने से पहले कुछ देर के लिए ठहर सा जाता है.
पृथ्वी अपनी धुरी पर 23.4 डिग्री झुकी हुई है, इसलिए यदि दिन के दौरान पृथ्वी का ध्रुव सूर्य की ओर या उससे दूर है, तो सूर्य जिस चाप से होकर गुजरता है वह वर्ष के दौरान ऊपर और नीचे गिरेगा. उत्तरी गोलार्ध में न्यूनतम, या जब सूर्य आकाश में अपने सबसे निचले बिंदु पर होता है, शीतकालीन संक्रांति होती है. पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव के सूर्य से दूर वर्तमान अभिविन्यास के कारण, उत्तरी गोलार्ध में काफी कम तापमान का अनुभव होता है. दक्षिणी गोलार्ध में लोग गर्मियों में ‘नीचे’ रहते हैं क्योंकि दक्षिणी ध्रुव सूर्य की ओर इशारा करता है.
इसे वर्ष का सबसे छोटा दिन क्यों कहा जाता है?
आकाश में वह बिंदु जहां सूर्य का मार्ग सुदूर दक्षिण की ओर होता है, शीतकालीन संक्रांति कहलाता है, जिसे दिसंबर संक्रांति भी कहा जाता है. वर्ष का वह दिन जिसमें सूर्य की रोशनी सबसे कम होती है, और इसलिए सबसे लंबी रात होती है, शीतकालीन संक्रांति होती है जब सूर्य आकाश में अपने सबसे छोटे रास्ते पर पहुंचता है.
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