रांची : झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन भी सदन में कई मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान पक्ष-विपक्ष दोनों ने एक-दूसरे पर हमला बोला. सदन में गैर सरकारी संकल्प भी लाए गए. विधायक विनोद सिंह ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा में लड़कियों की भागीदारी कम हो रही है जो चिंता का विषय है. उन्होंने सरकार से हर महीने पढ़ाई के लिए आने वाली लड़कियों को 2000 रुपये परिवहन भत्ता के तौर पर देने की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार हर जिला मुख्यालय, विधानसभा क्षेत्र में भी डिग्री कालेज खोलती है तो तब भी लड़कियों के लिए समस्या बनी रहेगी. ऐसे में परिवहन भत्ता सरकार देती है तो उन लड़कियों को राहत मिलेगी. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि अगर ग्राम गाड़ी योजना का ठीक से लाभ ना मिला तो सरकार इस बजट में या अगले वित्तीय वर्ष में इसका प्रावधान करे. जिससे कि लड़कियां अपनी उच्च शिक्षा के लिए आगे बढ़े. वहीं इस मामले में मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि ग्राम गाड़ी योजना का लाभ लड़कियों को मिलेगा. बसों का रूट सभी पंचायत, गांव को कवर करते हुए तय किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि तकनीकी, गैर तकनीकी विषय के स्टूडेंट के लिए स्कॉलरशिप के साथ कई अन्य प्रावधान भी किए गए हैं.

शहीदो के परिजनों के लिए सरकारी नौकरी

जेएमएम के विधायक दशरथ गागराई ने सदन में अलग झारखंड राज्य आंदोलन में पुलिस की गोली से शहीदों के परिजनों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण तय किए जाने का मामला उठाया. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि 20 दिसम्बर को इस संबंध में से पहल की जा चुकी है. आंदोलनकारियों को 5 फीसदी आरक्षण की सुविधा मिलेगी.

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