JoharLive Desk
नई दिल्ली : लोकसभा और राज्यसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। यह संसद का 250वां सत्र है। इसी सत्र के दरमियान 26 नवंबर को संविधान सत्र पड़ेगा। विपक्ष की योजना सरकार को जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति पर घेरने की है। जबकि सरकार राफेल सौदे पर शीर्ष अदालत से मिली क्लीन चिट पर पलटवार करने के साथ जम्मू-कश्मीर के मामले में आक्रामक रुख अपनाने पर अडिग है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दूसरे सत्र में शिवसेना के राजग से नाता तोड़ने के कारण संसद का नजारा बदला बदला सा होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद का सत्र शुरू होने से पहले कहा, ‘यह 2019 का अंतिम सत्र है। यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह राज्यसभा का 250वां सत्र है। इस सत्र के दरमियान 26 नवंबर को हमारा संविधान दिवस पड़ेगा। इस दिन हमारे संविधान को 70 वर्ष पूरे हो जाएंगे। पिछले कुछ दिनों में मुझे लगभग सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलने का अवसर मिला। पिछला सत्र सभी सांसदों के समर्थन और सक्रिय भागीदारी के कारण अभूतपूर्व था, जो न केवल सरकार या कोष पीठ (ट्रेजरी बेंच) की ही नहीं बल्कि संपूर्ण संसद की उपलब्धि है। हम सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा चाहते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि गुणवत्ता बहस होनी चाहिए, संवाद और चर्चा होनी चाहिए, सभी को संसद में चर्चा को समृद्ध बनाने में योगदान देना चाहिए।’