रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज रांची स्थित ईडी के जोनल ऑफिस में नहीं जाएंगे। मुख्यमंत्री सचिवालय ने ये जानकारी दी। मुख्यमंत्री सचिवालय ने बताया कि सीएम 3 नवंबर को रायपुर में आयोजित आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल होंगे। हालांकि, ईडी का कहना है कि मुख्यमंत्री की तरफ से एजेंसी के साथ कोई पत्राचार नहीं किया गया है। बता दें कि 2 नवंबर को ये खबर आई कि ईडी ने मनी लाउंड्रिंग और अवैध खनन मामले में पूछताछ के लिए समन किया है। मुख्यमंत्री को 3 नवंबर को दिन के 11:30 बजे बुलाया गया था।
ईडी के समन पर सीएम हेमंत की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री ने ईडी द्वारा समन किए जाने को लेकर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा था कि विपक्ष के अनुरोध पर ही झारखंड में ईडी की जांच चल रही है। विपक्ष के अनुरोध पर ही समन जारी किया गया है। वे ईडी की ताकत दिखाना चाहते हैं। दिखाना चाहते हैं कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को समन किया जा सकता है तो एक मुख्यमंत्री को क्यों नहीं पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
सीएम ने साहिबगंज में जनसभा को संबोधित करते हुए ये भी कहा कि यदि विपक्ष को लगता है कि वे षड्यंत्र करके मेरी पहचान या छवि धूमिल कर लेंगे तो ये उनकी गलतफहमी है। बीजेपी पर केंद्रीय एजेंसियों को दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए सीएम ने कहा कि वे षड्यंत्र कर रहे हैं। महामहिम बीते 2-3 महीने से एटम बम का लिफाफा लिए बैठे हैं।
ED ने मुख्यमंत्री को समन क्यों जारी किया
बता दें कि झारखंड में बीते मई महीने से ही ईडी की कार्रवाई चल रही है। मनरेगा घोटाले की जांच से शुरू हुआ जांच का सिलसिला अब अवैध खनन और मनी लाउंड्रिंग तक जा पहुंचा है। अवैध खनन और मनी लाउंड्रिंग केस में गिरफ्तार पंकज मिश्रा से मिले कुछ सुरागों की वजह से ईडी ने सीएम को समन किया है।
ईडी ने कुछ दिन पहले जब पीएमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। उसमें इस बात का जिक्र था कि पंकज मिश्रा के आवास पर छापेमारी में ईडी को लिफाफे में सीएम हेमंत सोरेन के बैंक खाते से जुड़ा चेकबुक मिला था। 2 चेक में साइन भी था। हाल में ईडी को पता चला कि पंकज मिश्रा न्यायिक हिरासत में भी फोन के जरिए वरीय अधिकारियों के संपर्क में था और लोगों को हड़काने के लिए सीएम के नाम का इस्तेमाल करता था।