रांची: पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद झारखंड में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. हेमंत सोरेन भी काफी सक्रिय है. विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भी वे काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं. इस बीच बुधवार 3 जुलाई को हेमंत सोरेन के आवास पर सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी विधायकों की बैठक बुलाई गई है.
जेल से रिहा होने के बाद गठबंधन के विधायक और वरिष्ठ नेता लगातार हेमंत सोरेन से औपचारिक मुलाकात कर रहे हैं. लेकिन सभी विधायकों की बैठक के आधिकारिक तौर पर बुलाए जाने से राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट अचानक तेज हो गई है. बता दें कि सत्तारूढ़ दल के सभी विधायकों को बैठक में मौजूद रहने को कहा गया है. झामुमो के महासचिव विनोद पांडेय ने बैठक बुलाए जाने की पुष्टि की है.
उन्होंने कहा कि पार्टी की केंद्रीय समिति की भी जल्द ही बैठक होगी. इन बैठकों में नवंबर-दिसंबर में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा होगी. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को भी इसकी जानकारी देकर बैठक में कांग्रेस के सभी विधायकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा गया है. बैठक में शायद विधायक हेमंत सोरेन को फिर से सरकार की कमान सौंपने पर अपनी राय दे सकते हैं.
आपको बता दें कि ईडी की कार्रवाई के मद्देनजर हिरासत में लिए जाने से पहले ही हेमंत सोरेन ने पार्टी के सभी विधायकों की बैठक बुलाई थी. उक्त बैठक में विधायकों के समर्थन के हस्ताक्षर लिए गए थे. इस दौरान चंपई सोरेन को नया नेता चुनने का निर्णय लिया गया था. हेमंत सोरेन के हिरासत में लिए जाने के बाद चंपई सोरेन ने विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा था और इसी आधार पर सरकार बनाने का दावा किया था. जिसके बाद राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था.