Joharlive Team
रांची । राजधानी रांची की पब्लिक ट्रांस्पोर्ट व्यवस्था की दुर्दशा देखनी हो, तो कृपया निगम की सिटी बसों में सफर करें जहां आमजनों को बेतरतीब ढंग से सफर करने पर विवश होना पडता है। राजधानी की सडकें इतनी संकरी हैं, जहां से इन बसों को पार कराना काफी कठिनाईयों भरा है। विदित हो कि रांची विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी पवन शर्मा ने आज चुनावी जनसंपर्क के क्रम में कचहरी चौक से राजेंद्र चौक तक सिटी बस में सफर कर, यात्रियों की सुविधा-असुविधा जानी। सफर के दौरान महिलाओं, बजुर्गों व विद्यार्थियों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ओवरब्रिज से फिरायालाल तक जाने में उन्हें लगभग 40-45 मिनट का समय लग जाता है। बस में सीटों से अधिक यात्री सवार किये जाते हैं, जिससे माह में लगभग 25 दिन खडे-खडे ही यात्रा करना पडता है। महिलाओं के लिए सीटें निर्धारित हैं, लेकिन उसपर पुरूष यात्री भी सवारी करते हैं। बस प्रबंधन द्वारा भी इसकी अनदेखी की जाती है। किराया प्राप्ति का टिकट कभी भी नहीं दिया जाता है। रात्रि 8 बजे के बाद सिटी बसों के बंद हो जाने का खामियाजा यात्रियों को रोज उठाना पडता है। उन्हें थोडी दूर सफर करने के लिए आॅटो का सहारा लेना पडता है अथवा रिजर्व करना पडता है। जिनके पास पैसे की कमी है वे पैदल ही सफर तय करने को मजबूर होते हैं। शहर की इस समस्या पर कभी किसी जनप्रतिनिधि और न ही नगर निगम के अधिकारियों द्वारा ध्यान दिया गया है।
पवन शर्मा ने लोगों को विश्वास दिलाया कि रांची में बेहतर पब्लिक ट्रांस्पोर्ट व्यवस्था को विकसित करना, मेरी प्राथमिकताओं में है। लोग उन्हें चुनाव में अपना समर्थन दें, अन्य राजधानी की तर्ज पर रांची में लोगों के लिए सिटी बसों का परिचालन सुगमतापूर्वक कराकर, वर्तमान नीति-निर्माताओं के समक्ष उदाहरण प्रस्तुत करूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि किसी राज्य की राजधानी को बेहतर पहचान दिलाने में वहां की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का अहम योगदान होता है लेकिन, इस मामले में रांची दूसरे राज्यों की राजधानियों से काफी पीछे है। राजधानी में यातायात की समस्या से निजात दिलाने के लिए सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का उपयोग करने के लिए निगम को लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए था किंतु यहां तो व्यवस्था ही दम तोड रही है, ऐसी बसों में यात्री कैसे सफर करेंगे। कई बसें जर्जर अवस्था में हैं। शहर के अधिकांश लोगों को निगम के इस बस सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसा नहीं है कि निगम के जेहन में ये बातें नहीं हैं, सबकुछ जानते समझते हुए भी ये समस्या को नजरअंदाज कर रहे हैं। निगम के उदासीन रवैये के कारण निगम की बसें अब कबाड में तब्दील हो रही हैं। इन बसों को चलाने के लिए निगम द्वारा कई बार टेंडर निकाले गये, लेकिन इसके बावजूद हमने देखा है कि किसी आॅपरेटर ने इसपर कोई रूचि नहीं दिखाई। क्योंकि शहर के पब्लिक ट्रांस्पोर्ट सिस्टम को दुरूस्त करने के लिए निगम में ईच्छाशक्ति की कमी है। सफर के दौरान अपने बीच रांची के प्रत्याशी को पाकर यात्रियों में काफी उत्साह था। यात्रियों का उत्साह और प्यार पाकर श्री शर्मा ने लोगों के प्रति आभार जताया।
विदित हो कि आज श्री पवन शर्मा ने अपने समर्थकों संग पुलिस लाईन, चुटिया, सर्कुलर रोड, करमटोली, कर्बला चौक, रांची काॅलेज, हातमा बस्ती, जेल रोड, लक्ष्मी नगर, सरोवर नगर और झारखण्ड उच्च न्यायालय का दौरा कर लोगों से अपने पक्ष में मतदान करने की अपील की। उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं ने शहर की ट्राॅफिक व्यवस्था को सरकार के सुगम बनाने के दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि लगता ही नहीं कि हम राजधानी में निवास करते हैं। यह भी कहा कि बजबजाती खुली नालियां, संकरी सडकों के कारण ट्रैफिक जाम, बिजली की आंखमिचैली, अनियमित जल व्यवस्था रांची शहर की पहचान बन चुकी है। पवन शर्मा ने यह विश्वास दिलाया कि मेरे पास विकास का रोडमैप है। हम जनता के सामूहिक सहभागिता से रांची का खोया हुआ गौरव हासिल करेंगे। जनता के सहयोग से हम इसे फिर से जाममुक्त बनायेंगे। उन्होंने लोगों को यह भी विष्वास दिलाया कि कोई भी योजना हो, उसमें हितधारकों की कमिटी की भूमिका अहम होगी। जिसके लिए काम हो रहा है, उसकी राय सबसे जरूरी मानी जायेगी। जनसंपर्क के दौरान युवाओं की बढती सहभागिता के लिए पवन शर्मा ने उनके प्रति आभार जताया और कहा कि युवाओें ने अब संकल्प कर लिया है, अब और नहीं, अब खैर नहीं, अब तिरस्कार स्वीकार नहीं।