Joharlive Team
रांची। झारखंड लोक सेवा आयोग के सिविल सर्विस परीक्षा में अंतिम चयनित उम्मीदवार से अधिक अंक आने के बाद भी नौकरी नहीं मिलने को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार और झारखंड लोक सेवा आयोग को शपथ पत्र के माध्यम से लिखित जवाब पेश करने को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को तय की गई है। वहीं ट्यूटर नियमावली मामले में अगली तारीख तय कर दी।
झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में झारखंड लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा के बाद अंतिम चयनित उम्मीदवार से अधिक अंक पाने के बाद भी आवेदक को चयनित न किए जाने के मामले पर दायर याचिका पर सुनवाई हुई। न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की। वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और झारखंड लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार और जेपीएससी को 16 दिसंबर से पूर्व शपथ पत्र के माध्यम से लिखित जवाब पेश करने को कहा है।
छठी जेपीएससी परीक्षा में दीपक कुमार ने आवेदन दिया था अंतिम चयनित से अधिक अंक पाने के बाद भी उन्हें चयनित नहीं किया गया। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। उस याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने झारखंड लोक सेवा आयोग और राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
वहीं हाइकोर्ट ने रिम्स में ट्यूटर नियुक्ति को लेकर वर्ष 2014 में बनाई गई नियमावली के मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनाैती देनेवाली अपील याचिका पर भी सुनवाई की। न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस अनुभा रावत चाैधरी की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की। इस दाैरान मामले की अगली सुनवाई के लिए 7 दिसंबर को तिथि निर्धारित कर दी। साथ ही मामले में 2018 में पारित स्थगनादेश को बरकरार रखा. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अभय प्रकाश ने कोर्ट को बताया कि कोरोना वायरस से वह संक्रमित हो गए थे। वह अपना लिखित पक्ष दायर नहीं कर पाए हैं। उन्होंने 3 सप्ताह का समय देने का आग्रह किया. बता दें कि रिम्स की चिकित्सक डॉ रेखा शर्मा व अन्य की ओर से अपील याचिका दायर की है।