ब्लैक होल ब्रह्माण्ड के सबस कौतूहल पैदा करने वाले पिंडों में से एक है. ये वैज्ञानिकों के ही नहीं बल्कि आम लोगों में भी दिलचस्पी पैदा करते रहे हैं. इस पिंड की खासियत यह है कि यह प्रकाश तक को अपने अंदर खींच लेता है, इस वजह से वैज्ञानकों को सीधे जानकारी नहीं मिलती है, बल्कि उसके आसपास की गतिविधियां ही उसके बारे में काफी जानकारी देती रही हैं. हाल ही में वैज्ञानिक गुरुत्व तरंगों का अध्ययन कर मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) के एक सिद्धांत को सिद्ध करने में कामयाब हो सके जिसके मुताबिक ब्लैक होल समय के साथ कभी सिकुड़ते नहीं हैं.
बहुत समय बाद पुष्टि
ब्लैक होल के बारे में बहुत से सिद्धांतों की काफी समय बाद पुष्टि हो सकी. इनसे पैदा होने वाली गुरुत्वाकर्षण तरंगें अपनी अवधारणा बनने के 100 साल बाद व्यवहारिक तौर पर होने की पुष्टि पा सकी. हॉकिंग के सिद्धांत को भी सिद्ध करना आसान काम नहीं था. लेकिन हाल ही में दो ब्लैक के विलय के बाद निकली गुरुत्व तरंगों से वैज्ञानिक हॉकिंग के सिद्धांत की पुष्टि करने में कामयाब हो सके.
क्या है यह सिद्धांत
हॉकिंग के मशहूर सिद्धांतों में से एक इस सिद्धांत को दो ब्लैक होल के विलय से बने स्पेस-टाइम रिपल्स या दिक-काल में बनी हिलोरों का अवलोकन करने के बाद सिद्ध किया जा सका. इस सिद्धांत को सबसे पहले 1971 में सबसे पहले बताया गया था. यह कहता है कि समय के साथ किसी भी ब्लैकहोल के आकार को कम करना असंभव है. यह सिद्धांत अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत से निकला है जो गुरुत्वाकर्षण तरंगों और ब्लैकहोल को परिभाषित करता है.
इस सिद्धांत की तरह
ब्लैक होल क्षेत्रफल प्रमेय ने दुनिया भर के भौतिकविदों को आकर्षित किया है. क्योंकि यह उसी ऊष्मागतिकी के सिद्धांत की तरह है जिसमें एंट्रॉपी (अव्यवस्था) को समय के साथ कम नहीं किया जा सकता है. यह लगातार बढ़ती ही रही है. एंट्रॉपी किसी भी तंत्र की अनियमितता का माप होती है. नए अवलोकन आइंस्टीन के ही सापेक्षता के सिद्धांत को मजूबती दे रहे हैं.
ब्लैक होलब्रह्माण्ड के सबस कौतूहल पैदा करने वाले पिंडों में से एक है. ये वैज्ञानिकों के ही नहीं बल्कि आम लोगों में भी दिलचस्पी पैदा करते रहे हैं. इस पिंड की खासियत यह है कि यह प्रकाश तक को अपने अंदर खींच लेता है, इस वजह से वैज्ञानकों को सीधे जानकारी नहीं मिलती है, बल्कि उसके आसपास की गतिविधियां ही उसके बारे में काफी जानकारी देती रही हैं.
हाल ही में वैज्ञानिक गुरुत्व तरंगों का अध्ययन कर मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग के एक सिद्धांत को सिद्ध करने में कामयाब हो सके जिसके मुताबिक ब्लैक होल समय के साथ कभी सिकुड़ते नहीं हैं.
बहुत समय बाद पुष्टि
ब्लैक होल के बारे में बहुत से सिद्धांतों की काफी समय बाद पुष्टि हो सकी. इनसे पैदा होने वाली गुरुत्वाकर्षण तरंगें अपनी अवधारणा बनने के 100 साल बाद व्यवहारिक तौर पर होने की पुष्टि पा सकी. हॉकिंग के सिद्धांत को भी सिद्ध करना आसान काम नहीं था. लेकिन हाल ही में दो ब्लैक के विलय के बाद निकली गुरुत्व तरंगों से वैज्ञानिक हॉकिंग के सिद्धांत की पुष्टि करने में कामयाब हो सके.
क्या है यह सिद्धांत
हॉकिंग के मशहूर सिद्धांतों में से एक इस सिद्धांत को दो ब्लैक होल के विलय से बने स्पेस-टाइम रिपल्स या दिक-काल में बनी हिलोरों का अवलोकन करने के बाद सिद्ध किया जा सका. इस सिद्धांत को सबसे पहले 1971 में सबसे पहले बताया गया था. यह कहता है कि समय के साथ किसी भी ब्लैकहोल के आकार को कम करना असंभव है. यह सिद्धांत अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत से निकला है जो गुरुत्वाकर्षण तरंगों और ब्लैकहोल को परिभाषित करता है.
इस सिद्धांत की तरह
ब्लैक होल क्षेत्रफल प्रमेय ने दुनिया भर के भौतिकविदों को आकर्षित किया है. क्योंकि यह उसी ऊष्मागतिकी के सिद्धांत की तरह है जिसमें एंट्रॉपी (अव्यवस्था) को समय के साथ कम नहीं किया जा सकता है. यह लगातार बढ़ती ही रही है. एंट्रॉपी किसी भी तंत्र की अनियमितता का माप होती है. नए अवलोकन आइंस्टीन के ही सापेक्षता के सिद्धांत को मजूबती दे रहे हैं.
ब्लैक होल की सतह का क्षेत्रफल
फिजिकल रीव्यू लैटर्स में प्रकाशित इस अध्ययन की अगुआई मुसाचुसैट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के भौतिकविद मैक्सिमिलियानो आइसी ने की है. शोधकर्ताओं ने दो ब्लैक होल के विलय से निकली गुरुत्वाकर्षण तरंगों के आंकड़ों का उपयोग किया. उन्होंने एडवांस लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल वेव ऑबजर्वेटरी में अवलोकित किए गए आंकड़ों दो हिस्सों में बांटां एक विलय से पहले और दूसरा विलय के बाद. उन्होंने हर हिस्से में ब्लैक होल के पृष्ठ क्षेत्रफल की गणना की
इन नियमों के तहत भी
इन गणनाओं से पता चला कि विलय को बाद के संयुक्त ब्लैक होल का पूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल दोनों ब्लैकहोल के क्षेत्रफल के योग से अधिक था. इस अवलोकन से उस क्षेत्रफल नियम की पुष्टि होती है जिसके मुताबिक ब्लैकहोल का आकार समय के साथ कम नहीं होता है. मैक्जिमिलियानो ने लाइव साइंस को बताया कि ब्लैकहोल के पृष्ठ क्षेत्रफल कम नहीं हो सकते जो ऊष्मागतिकी के दूसरे सिद्धांत की तरह है. यह द्रव्यमान के संरक्षण के नियम का भी पालन करता है. आप इसका द्रव्यमान कम नहीं कर सकते जो ऊर्जा के संरक्षण के नियम के साथ चलता.
पहले भी देखा गया है विलय
ब्लैक होल एक तारे के मौत से बनता है जिसके पास इतना अधिक गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र होता है कि पदार्थ इसमें बहुत छोटे से क्षेत्र में सिमट जाता है. जिससे मृत तारे का प्रकाश तक इसमें फंस जाता है. ब्लैक होल का पहला ऐसा विलय साल 2017 में लिगो डिटेक्टर्स ने खोजा गया था जिसमें गुरुत्वाकर्षण तरंगों के संकेत पकड़े गए थे जो पृथ्वी से एक अरब प्रकाशवर्ष दूर दो छोटे ब्लैक होल के विलय के बाद निकले थे. दोनों ब्लैकहोल सूर्य के भार के 7 से 12 गुना अधिक थे, लेकिन विलय के बाद यह सूर्य के18 गुना अधिक भार के हो गए.