नई दिल्ली: भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है. विश्वकर्मा पूजा का त्योहार 17 सितंबर को मनाया जाता है क्योंकि यह दिन हिंदू पंचांग के अनुसार, विशेष रूप से भगवान विश्वकर्मा के जन्मदिन के रूप में माना जाता है. भगवान विश्वकर्मा हिंदू धर्म के प्रमुख वास्तुकला और शिल्प के देवता हैं, और उन्हें सभी निर्माण और निर्माण कार्यों का अधिपति माना जाता है.
आचार्य मदन मोहन के अनुसार भगवान विश्वकर्मा का जन्म आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को हुआ था. कुछ लोग मानते हैं कि भाद्रपद महीने की आखिरी तिथि पर भगवान विश्वकर्मा की पूजा करना शुभ होता है. हालांकि, एक और मान्यता यह है कि विश्वकर्मा पूजा सूर्य के पारगमन के अनुसार तय की गई और यह दिन सूर्य संक्रांति के दिन के रूप में माना जाने लगा. इसलिए यह हर साल 17 सितंबर के आसपास ही पड़ता है और इसी दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है.

विश्वकर्मा पूजा पर, लोग अपने कार्यस्थलों और मशीनों की पूजा करते हैं और उनके लिए सुख-समृद्धि और सुरक्षा की प्रार्थना करते हैं. यह त्योहार विशेष रूप से कारीगरों, श्रमिकों, और इंजीनियरों के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह उन्हें अपने काम के प्रति सम्मान और श्रद्धा प्रकट करने का एक अवसर प्रदान करता है.

पंचांग के अनुसार, यह त्योहार हर साल अलग-अलग तारीखों पर पड़ सकता है, लेकिन आमतौर पर यह दिन 17 सितंबर के आस-पास मनाया जाता है.

इसके अलावा इस साल विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:07 बजे से लेकर 11:43 बजे तक है. इस समय में पूजा करने से भगवान विश्वकर्मा की विशेष कृपा प्राप्त होती है. विश्वकर्मा पूजा की विधि सरल है. सबसे पहले सुबह उठकर फैक्ट्री, मशीन या वाहन की अच्छे से साफ-सफाई करनी चाहिए. इसके बाद भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या तस्वीर को पीले कपड़े पर स्थापित करें. पूजा में इस्तेमाल होने वाले औजारों और मशीनों को भी साफ करके तिलक करें. फिर भगवान विश्वकर्मा को जनेऊ, फूल माला और पांच तरह के फल तथा मिठाई चढ़ाएं. इसके बाद भगवान विश्वकर्मा की कथा सुनें या पढ़ें और हवन करें. हवन के बाद कपूर जलाकर आरती करें. भोग में विशेष रूप से बूंदी और बूंदी के लड्डू जरूर शामिल करें.

साथ ही विश्वकर्मा पूजा का यह पर्व उद्योग और निर्माण से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है. इस दिन की पूजा से लोग अपने काम में प्रगति की कामना करते हैं और मशीनों, औजारों की अच्छी स्थिति की प्रार्थना करते हैं.

Share.
Exit mobile version