Jamshedpur : जमशेदपुर में तीन मार्च का दिन विशेष रूप से ऐतिहासिक और उत्सव से भरा होता है. यह दिन ‘जमशेदपुर दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. जो टाटा स्टील के संस्थापक, जमशेदजी नुसरवानजी टाटा की जयंती से जुड़ा है. जमशेदजी ने इस शहर को औद्योगिक हब और भारतीय उद्योग का प्रमुख केंद्र बनाने का काम किया, और उनका योगदान आज भी इस शहर में महसूस किया जाता है.
पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र
इस दिन शहर के प्रमुख स्थल जुबली पार्क को भव्य तरीके से सजाया जाता है. यहां फव्वारे, रंग-बिरंगी लाइट्स, और खूबसूरत सजावट के कारण यह पार्क शहरवासियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाता है. इस मेले का आयोजन तीन से चार दिनों तक चलता है. जिसमें हजारों की संख्या में लोग भाग लेते हैं. इस दौरान जुबली पार्क के अंदर और बाहर विभिन्न सांस्कृतिक और मनोरंजन कार्यक्रम होते हैं. जिससे हर कोई इस दिन का पूरा आनंद उठाता है.
टाटा का योगदान और शहर के विकास की कहानी
जमशेदपुर का इतिहास भारतीय उद्योग के महत्वपूर्ण पन्नों में से एक है. टाटा परिवार विशेष रूप से जमशेदजी टाटा, ने इस शहर को औद्योगिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक दृष्टि से एक आदर्श शहर बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए थे. उनका योगदान आज भी जमशेदपुर के विकास में महसूस किया जाता है.
शहर में उत्सव का माहौल
तीन मार्च के दिन जमशेदपुर में पूरे शहर में जश्न का माहौल होता है. स्कूलों और कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. जहां बच्चे और युवा अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं. इसके अलावा, सड़कों पर रैलियां, प्रदर्शनी और सामूहिक आयोजन होते हैं. जिनमें शहर के लोग एकजुट होकर इस ऐतिहासिक दिन को मनाते हैं.
तीन मार्च की परंपरा
तीन मार्च को मनाने की परंपरा बहुत पहले शुरू हुई थी, और आज यह दिन जमशेदपुरवासियों के लिए एक पर्व की तरह बन गया है. पहले यह एक साधारण कार्यक्रम हुआ करता था. लेकिन समय के साथ यह बड़े पैमाने पर मनाया जाने लगा. इस दिन शहर में इलेक्ट्रिक लाइट्स से सजावट, स्ट्रीट फूड और लाइव म्यूजिक के कार्यक्रम आयोजित होते हैं. जिन्हें शहरवासी बड़े उत्साह के साथ अनुभव करते हैं.
जमशेदपुरवासियों के लिए गर्व का दिन
कल का दिन जमशेदपुरवासियों के लिए केवल एक ऐतिहासिक दिन नहीं, बल्कि यह शहरवासियों की एकता, प्रेम और गर्व का प्रतीक भी है. यह दिन इस बात की याद दिलाता है कि जमशेदपुर केवल एक औद्योगिक शहर नहीं, बल्कि यह एक जीवित शहर है, जो अपनी संस्कृति और सामाजिक जिम्मेदारियों के लिए जाना जाता है. तीन मार्च का उत्सव हर साल शहरवासियों को जोड़ता है और उन्हें अपनी जड़ों से जुड़े रहने की प्रेरणा देता है.
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