Joharlive Team
रांची। सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने विधानसभा बजट सत्र में अपनी ही सरकार को मुश्किल में डाल दिया। गोड्डा के उपविकास आयुक्त की मनमानी पर आरोप लगाते हुए जेएमएम विधायक ने सोमवार को विधानसभा के मेन गेट पर धरना दिया। विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने इसकी जानकारी विधानसभा अध्यक्ष को दी, तो उन्हें मनाकर अंदर ले आया गया। बावजूद इसके सदन में पहुंच कर भी लोबिन हेम्ब्रम का गुस्सा शांत नहीं हुआ।
जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने बताया कि गोड्डा जिले में साल 2019 में 26 आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका का ग्राम सभा के माध्यम से चयन हुआ। उन्हें औपबंधिक चयन पत्र भी सौंप दिया गया। यह सब पिछली सरकार में ही हुआ, लेकिन आज तक उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं मिली। उन्होंने कहा कि जब गठबंधन की सरकार बनी, तो चयनित अभ्यर्थी उनके पास पहुंचे और अपनी नियुक्ति की उम्मीद जताई।
इस संबंध में जेएमएम विधायक ने जिले के उपायुक्त और उपविकास आयुक्त से भी बात की। इस पर डीडीसी का कहना है कि चयन प्रक्रिया में रूल्स को फॉलो नहीं किया गया। विधायक ने कहा कि अगर नियम की अनदेखी हुई, तो इसके लिए चयनित अभ्यर्थी कैसे दोषी हो सकते हैं, जिन्होंने नियम का उल्लंघन किया है, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। इस संबंध में पिछले दिनों उन्होंने सदन का भी ध्यान आकृष्ट कराया था, लेकिन इसके बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है।