किसलय शानू
रांची : झारखंड से निकलने वाले “काला हीरा”(कोयला) के अवैध कारोबार से राज्य सरकार को हर दिन करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है. इसके बावजूद झारखंड पुलिस अवैध कोयला कारोबारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. ताजा मामला गिरिडीह जिले से है, जहां पुलिस पूछताछ में गणेश यादव, चंदन दुबे और गणेश पांडेय के नाम सामने आये हैं. तीनों धनबाद के नागदा और झरिया के रहने वाले हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अब तक सिर्फ खानापूर्ति हुई है. आखिरकार कौन दे रहा है गणेश और चंदन को संरक्षण? क्यों पुलिस नहीं कर पा रही है इनलोगों के खिलाफ कार्रवाई?
क्या कहते हैं एसपी
इस मामले में गिरिडीह एसपी दीपक कुमार शर्मा ने बातचीत में कहा कि पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है. हर दिन अवैध कोयला लदे ट्रक गिरिडीह जिले में पकड़े जा रहे हैं. डीएसपी के सुपरविजन के बाद सभी के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई शुरू हो जाएगी. फिलहाल दुर्गा पूजा को लेकर जांच धीमी हुई है.
गणेश पांडेय की जीएसटी ऑफिस में जबरदस्त सेटिंग
सूत्र बता रहे हैं कि धनबाद में अवैध कोयले के कारोबार में सिंडीकेट काम करता है. इस अवैध कारोबार में गणेश यादव और चंदन दुबे के नाम हैं, तो गणेश पांडेय की जीएसटी ऑफिस में जबरदस्त सेटिंग है. जिसकी बदौलत पुलिसिया कार्रवाई की भनक लगते ही वह जीएसटी ऑफिस के कर्मचारियों को एक्टिव कर देता है. ऐसे में पुलिस की कार्रवाई शुरू होते ही पकड़ी गईं गाड़ियों का चालान बन जाता है. वहीं, जो गाड़ियां नहीं पकड़ी जातीं उन्हें भी बिना चालान के ही गंतव्य तक भेज दिया जाता है.
रात के अंधेरे में अवैध कारोबार
धनबाद कोयला की नगरी मानी जाती है. बच्चे से लेकर जवान तक हर कोई कोयला के कारोबार को सिखना चाहता है. फिर थोड़ी जानकारी होने के बाद कोयला के कारोबार से जुड़कर धंधा शुरू कर देता है. चाहे वो धंधा वैध हो या फिर अवैध. रात के अंधेरे में पूरा कारोबार होता है. इसमें बिहार, यूपी और झारखंड के ट्रक मालिकों की भी बड़ी संलिप्तता है. ट्रक मालिक के आदेश पर ही अवैध कोयला गाड़ियों में लोड करके झारखंड से बिहार और यूपी में खपाया जाता है.