Ranchi : झारखंड के प्रसिद्ध ठेठ नागपुरी गायक और भिनसरिया राग के राजा महावीर नायक (Mahavir Nayak) को वर्ष 2025 के पद्मश्री सम्मान (Padmshri Award 2025 )से नवाजा जाएगा. यह सम्मान उनके गायन की लंबी यात्रा और ठेठ नागपुरी संगीत को प्रोत्साहित करने के लिए दिया गया है. महावीर नायक, जिनका नाम नागपुरी संगीत में प्रतिष्ठित है, उन्होंने इस क्षेत्र में 50 वर्षों से अधिक का योगदान दिया है. उनकी गायकी और समर्पण ने उन्हें झारखंड के सांस्कृतिक धरोहर का एक अहम हिस्सा बना दिया है. अब पद्मश्री सम्मान से उनका यह योगदान और भी महत्वपूर्ण हो गया है.
बचपन से संगीत में गहरी रुचि
महावीर नायक का जन्म 1942 में हुआ था. उन्हें बचपन से ही संगीत के प्रति गहरी रुचि थी. उनके पिता खुदू नायक भी कला प्रेमी थे. यही कारण था कि महावीर नायक ने अपनी गायकी में ठेठ नागपुरी गीतों को आत्मसात किया. वे प्रगतिशील गायन शैली के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं.
भिनसरिया कर राजा उपाधि कैसे मिली
महावीर नायक का नाम सिमडेगा क्षेत्र में ‘भिनसरिया कर राजा’ के रूप में जाना जाता है. उन्हें यह उपाधि स्थानीय कार्यक्रमों के दौरान दी गई थी. उन्होंने 1963 में एचईसी में काम करते हुए अपने गायन करियर की शुरुआत की और नागपुरी संगीत को एक नया आयाम दिया.
विदेशों में भी कार्यक्रम प्रस्तुत किए
महावीर नायक ने केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपने कार्यक्रम प्रस्तुत किए हैं. ताइवान जैसे देशों में भी उन्हें मंच पर प्रस्तुति देने का अवसर मिला था. इसके अलावा, उन्हें कई अन्य पुरस्कारों से भी नवाजा गया है. जैसे भारत लोकरंग महोत्सव में लोककला रत्नय अवॉर्ड और 2019 में स्वर्ण जयंती समारोह में सम्मान.
झारखंड राज्य के आंदोलन में अहम योगदान
महावीर नायक न केवल एक सशक्त कलाकार हैं, बल्कि झारखंड राज्य के आंदोलन में भी उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. झारखंड अलग राज्य बनाने की मांग में उन्होंने लोकगीतों के माध्यम से जन जागरूकता फैलाने का काम किया.
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