नई दिल्ली: विश्वस्व स्वास्थ्य संगठन ने एमपॉक्स को दूसरी बार वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है. खासकर डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में वायरल संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए ये कदम उठाया गया है. एमपॉक्स, जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था, अब कांगो के पड़ोसी देशों में भी फैल चुका है. डब्लूएचओ ने 2022 में पहली बार एमपॉक्स को वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था, जब यह बीमारी वैश्विक स्तर पर फैलने लगी थी. तब से संक्रमण ने विशेष रूप से उन लोगों को प्रभावित किया, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाते थे. इसके खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए गए थे.

डेढ़ साल में 27 हजार मामले

कांगो में एमपॉक्स का प्रकोप बेहद गंभीर हो गया है. जहां जनवरी 2023 से अब तक 27,000 मामले सामने आ चुके हैं और 1,100 मौतें हो चुकी हैं. एमपॉक्स आमतौर पर बच्चों, गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. इस नई आपातकाल की घोषणा से उम्मीद है कि कांगो में मेडिकल उपकरण और फंड की उपलब्धता बढ़ेगी और प्रभावित क्षेत्रों में वैक्सीनेशन की पहुंच को सुधारने में मदद मिलेगी। हालांकि, दो साल पहले की गई 34 मिलियन डॉलर की अपील का अपेक्षित असर नहीं पड़ा था और वैक्सीनेशन कार्यक्रम में असमानता बनी हुई है. 

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