Johar Live Team
रांची। न्यू पुलिस केंद्र में सार्जेंट मेजर का विरोध हर स्तर के लोग कर रहे है। सार्जेंट मेजर जबरन काम कराने और अभद्र भाषा इस्तेमाल करने का आरोप है। मगर, अब यह मामला धीरे धीरे बढ़ते जा रहा है और मंगलवार की रात इसका विरोध भी हवाई फायरिंग से देखने को मिला। नई पुलिस केंद्र में रात करीब 8.45 बजे उस समय हड़कंप मच गया जब शस्त्रागार (मैगजीन) के बगल में बैरक में रहने वाले एक सिपाही संजय खाखा ने नशे में हवाई फायरिंग कर दी। गोली की आवाज़ सुनकर सभी अलर्ट हो गए। सिपाही संजय ने अपने ही इंसास राइफल से अंधाधुंध गोली चला दी। सूचना मिलने के बाद कई अधिकारी पुलिस केंद्र पहुंचे और पूरे मामले की तफ्तीश करने में जुट गए है। इधर, ग्रामीण एसपी आशुतोष शेखर ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। पूरी जांच खत्म होने के बाद ही मीडिया के समक्ष रखा जायेगा।
9 माह से सस्पेंड है सिपाही, वेतन भी है रुका हुआ
पुलिस सूत्रों की मानें, तो सिपाही संजय खाखा का पिछले 9 महीने से सस्पेंड है और उसका वेतन भी रुका हुआ है। कई बार सिपाही ने इस बात की भी जिक्र सार्जेंट मेजर से की थी। मगर, मेजर हर बार डांट फटकार कर सिपाही को भगा देता था। हालांकि, इससे पूर्व भी मेजर पर कई आरोप लगे है। मगर कोई वरीय पदाधिकारी की इज्जत को देखते हुए विरोध नही किया था।
गोंदा थाना के पुलिस अधिकारी पहुंचे जांच करने
सिपाही संजय खाखा के द्वारा पुलिस केंद्र के हवाई फायरिंग की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे। जिसमें, इंस्पेक्टर सुमन कुमार सिंहा समेत कई लोग थे। फिललाल पुलिस ने संजय को पूछताछ के लिए अपने कब्जे में रखा है।
भाई का हुआ है निधन, नही मिला सिपाही को छुट्टी
पुलिस जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि जिस सिपाही ने गोली चलाई थी, उसके भाई का कुछ दिनों पहले निधन हो गया था। उसके क्रिया कर्म के लिए उसे गांव जाना था लेकिन आवेदन देने के बाद भी सार्जेंट मेजर उसे छुट्टी नहीं दे रहे थे। इसी बात से संजय नाराज था और अंधाधुंधहवाई फायरिंग कर विरोध जताया है।
खानाबदोश की जिंदगी जीने को मजबूर पुलिस केंद्र के सिपाही
सूत्रों का कहना है कि पुलिस केंद्र में किसी चीज़ की कोई व्यवस्था नही है। पुलिसकर्मियों के रहने खाने का भी सही से इंतजाम नहीं है। टेंट में खानाबदोश की जिंदगी गुजारने को मजबूर है। मेस में खाना भी सही नहीं मिलता है इसके बाद भी सारी बातों को बर्दाश्त कर लेते हैं। लेकिन घर में बीमारी या जब कभी कोई घटना घट जाती है तब भी छुट्टी नहीं दी जाती इसके कारण अधिकतर सिपाही रोष में रहते हैं तो इस प्रकार की घटना तो होगी ही।