रांची : गंगा में प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण के बारे में रिपोर्ट नहीं सौंपनें पर NGT (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) ने झारखंड सरकार पर 25 हजार का फाइन लगाया है. पिछले साल नवंबर में उसने पश्चिम बंगाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्य सचिवों से गंगा में प्रदूषण पर विशिष्ट जानकारी मांगी थी.
झारखंड में गंगा नदी साहिबगंज जिले में प्रवाहित होती है. झारखंड की ओर से कोई रिपोर्ट नहीं मिलने का जिक्र करते हुए एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बार-बार मौका दिये जाने के बावजूद जिलाधिकारी (जो जिला गंगा सुरक्षा समितियों के प्रमुख हैं) न तो अधिकरण के आदेश का और न ही मुख्य सचिव के परिपत्र का जवाब दे रहे हैं.
बता दें कि झारखंड में गांगा नदी साहिबगंज से गुजरती है, जबकि उसकी सहयक दामोदर नदीं बोकारो,धनबाद,और रामगढ़ जिलों से होकर गुजरता है. इन सभी जलों से एनजीटी ने 24 नवंबर 2023 और 5 दिसंबर,2023 को रिपोर्ट तलब की थी. एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने टोकन जुर्माने की रकम एक सप्ताह में जमा करने को कहा है. विषय की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी. पीठ ने यह आदेश एमसी मेहता की याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया है.
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