रांची. दो दिन पहले किए गए बीजेपी के गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के ट्वीट को लेकर आज जेएमएम ने मोर्चा खोल दिया है. जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि चुनाव आयोग पर बीजेपी का अब प्रत्यक्ष कब्जा है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने चुनाव आयोग से पूछा कि आयोग को भेजा गया सीएम हेमंत सोरेन का गोपनीय पत्र सार्वजनिक कैसे हुआ? वह पत्र आखिर बीजेपी के गोड्डा सांसद के पास कैसे पहुंचा? इस पूरे मुद्दे की जांच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कुछ दिनों से जो राजनीतिक प्रदूषण फैला हुआ है, वह झारखंड के लिए चिंता का विषय है. कुछ संवैधानिक चीजें ऐसी हैं कि गोपनीय रखी जाती हैं. चुनाव आयोग के कुछ ऐसे मामले होते हैं जो गोपनीय होते हैं. चुनाव आयोग ने राजभवन को एक रिपोर्ट भेजी, दोनों ओर से पत्राचार हुआ और सीएम ऑफिस से भी पत्राचार हुआ. लेकिन यह पत्र गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के ट्विटर हैंडल से सार्वजिनक हुआ. बीजेपी सांसद ने ऑफिस ऑफ एक्ट का उलंघन किया है. उन्होंने ट्विटर अकाउंट पर जो पत्र जारी किया वह सीएम का हस्ताक्षर युक्त पत्र है. वह पत्र सिर्फ चुनाव आयोग को भेजा गया था. अब चुनाव आयोग से यह गोपनीय पत्र बाहर कैसे आया. जाहिर है चुनाव आयोग पर बीजेपी का अब प्रत्यक्ष कब्जा है.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि अब तो गोड्डा के सांसद ही चुनाव आयोग को चला रहे हैं. क्या इसीलिए चुनाव आयोग को बनाया गया है. ये सारी चीजें एक सोची-समझी साजिश के तहत हो रही हैं. कल ही हमने विश्वासप्रस्ताव पारित किया और कल ही बीजेपी के गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने चुनाव आयोग का लेटर भी जारी किया. यह संयोग नहीं है, बल्कि एक साजिश है.
सुप्रियो ने कहा कि विपक्ष की हिम्मत नहीं हुई कि सदन में विरोध में मतदान में करे इसलिए बीजेपी ने वॉकआउट किया सदन से. खतियान, स्थानीय नीति और ओबीसी आरक्षण मामले को लेकर सरकार गंभीर है. संवैधानिक संस्था पर प्रत्यक्ष कब्जा करो और लोकतंत्र का प्रहसन बनाकर राज करो. बीजेपी बौखला गई है. लेकिन हम लोकतंत्र भी बचाना जानते हैं और संप्रभुता भी. उन्होंने याद दिलाया कि हेमंत सोरेन ने कहा था हम जीते हैं शान से इसलिए विरोधी परेशान हैं. राजनीति भी अब खेला हो गई. अगर खेला होगा तो हम भी खेलेंगे. हमलोग ऐसा खेला खेलते हैं कि उनको पता भी नही चलता है.