रांची : सोमवार 22 जनवरी इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. यह दिन एक और मायने में खास हो गया खासकर उनके लिए जिन महिलाओं ने 22 जनवरी को ही अपने बच्चों को जन्म दिया. अब यह दिन उम्र भर उस परिवार और बच्चे के लिए यादगार बन गया. राजधानी के दो बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स और सदर के अलावा प्राइवेट हॉस्पिटलों में 80 नवजातों ने जन्म लिया. 2 बच्चों का जन्म ठीक उसी समय हुआ, जब अयोध्या में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा हुई. दोनों ही बच्चे लड़के हैं. हालांकि सबसे अधिक 28 बच्चे सदर अस्पताल में जन्मे. रिम्स में 20 बच्चों का जन्म हुआ. इसके अलावा सेंटेविटा में छह, हिल व्यू में चार और मातृ जीवन में चार सहित अन्य अस्पतालों में आम दिनों के मुकाबले अधिक संख्या में बच्चों ने जन्म लिया. अब देखना होगा कि बच्चे और बच्चियों के नाम क्या होंगे. बता दें कि अयोध्या में श्रीराम लला के आगमन पर अपने घरों में 22 जनवरी शुभ तिथि को ही बच्चे की किलकारी सुनना चाह रहे थे.
डॉक्टरों पर डिलीवरी कराने का था दबाव
रिम्स-सदर में गर्भवती महिलाएं जिनका टाइम पूरा हो चुका था वे डॉक्टरों पर 22 जनवरी को ही डिलीवरी कराने का दबाव बना रहे थे. इसे लेकर लगातार उनके परिजन हॉस्पिटलों के चक्कर भी लगा रहे थे कि 22 जनवरी को डिलीवरी कराएंगे. रिम्स से लेकर शहर के अस्पतालों में दर्जनों गर्भवती महिलाओं ने अपने बच्चे को सोमवार को ही जन्म देने का मन बनाया था. जिसमें कई महिलाओं की नार्मल डिलीवरी हुई. जबकि कुछ महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी कराई गई.
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