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सरोगेसी क्या है..भारत में क्या है इसके नियम..अगर नहीं जानते तो ये पढ़ें

नई दिल्ली :  केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद सरोगेसी के नियम में महत्वपूर्ण संशोधन किया है. इसके तहत प्रावधान किया गया है कि अगर कपल किसी मेडिकल समस्या से पीड़ित है तो डोनर कपल को अंडाणु या शुक्राणु दे सकेगा. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया गया कि केंद्र सरकार के हेल्थ मिनिस्ट्री ने नियमों में बदलाव किया है. पहले के नियम में कहा गया था कि सरोगेसी से संतान पाने की इच्छा रखने वाले कपल के पास अंडाणु व शुक्राणु होने चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर कई अर्जियां दाखिल हुई थीं. पिछले साल ऐसी अर्जियों पर सुनवाई के दौरान दर्जन भर से ज्यादा मामले में याचिकाकर्ताओं को सरोगेसी के जरिये मां बनने के लिए दूसरी डोनर महिला के अंडाणु (एग) का उपयोग करने की इजाजत दे दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकार के नियम से सरोगेसी के उद्देश्य विफल हो जाएगा. पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया था कि क्यों नहीं वह इस मामले में फैसला ले रहा है. पहले भी सरोगेसी कानून में बदलाव हो चुके हैं. सरोगेसी से जुड़े कुछ ऐसे सवाल जो कई लोगों के मन में आते हैं. आज उनके जवाब हम यहां बता रहे हैं.

कौन कौन सरोगेसी के लिए योग्य हैं?

भारत में सरोगेसी कानून के अनुसार, केवल विवाहित जोड़े ही सरोगेसी के माध्यम से माता-पिता बन सकते हैं. कपल में पुरुष की उम्र 26 साल से 55 साल के बीच और महिला की उम्र 23 से 50 साल के बीच होनी चाहिए.

क्या कुंवारी लड़की सरोगेसी करवा सकती है?

कई लोगों के मन में ये सवाल आता है कि क्या अनमैरिड कपल्स या लड़की सरोगसी मां बन सकती है, तो इसका जवाब नहीं है. भारत में सरोगेसी कानून के अनुसार अनमैरिड लड़कियां सरोगेसी के जरिए मां नहीं बन सकती.

कौन-कौन सरोगेसी के लिए योग्य नहीं?

भारत में सरोगेसी के जरिए केवल शादीशुदा कपल्स ही मां-बाप बन सकते हैं. इसका गलत उपयोग न हो इसके लिए भारत में सख्त कानून बना है. इसके अनुसार विधवाएं, तलाकशुदा महिलाएं, या LGBTQIA+ जोड़े सरोगेसी के लिए योग्य नहीं हैं.

क्या कोई विदेशी भारत में आकर सरोगेसी करा सकता है?

नहीं, भारत में सेरोगेसी कानून के अनुसार कोई भी विदेशी नागरिक सेरोगेसी से मां नहीं बन सकती है. भारत सरकार का मानना है कि विदेशियों द्वारा सरोगेसी का दुरुपयोग हो सकता है, खासकर अगर इसे व्यावसायिक रूप से अनुमति दी जाती है. हालांकि भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO) जो विवाहित हैं और विदेश में रहते हैं, वो सरोगेसी के लिए योग्य हैं.

एक महिला कितने बार बन सकती है सरोगेसी मदर?

कोई भी महिला सिर्फ एक बार ही सरोगेट मदर बन सकती है. वही महिला सरोगेसी मदर बन सकती है, दो पहले से शादीशुदा हो और उसके बच्चे हों. इसके अलावा वो कोई नशा न करती हो और मेडिकल तौर पर फिट हो.

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