Joharlive Desk
नई दिल्ली । राफेल को लेकर पिछले कई महीनों से देश में हंगामा मचा हुआ है। राफेल का मतलब तूफान होता है यह एक बहुत ही उपयोगी लड़ाकू विमान है। इसके एक विमान को बनाने में 70 मिलियन की लागत आती है। इस विमान की लंबाई 15.27 मीटर होती है और इसमें एक या दो पायलट ही बैठ सकते हैं राफेल के आने के बाद भारतीय वायुसेना और भी मजबूत हो जाएगी आइये जानिए दुश्मन के होश उड़ाने वाले राफेल की खासियत और फीचर्स के बारें में…
राफेल विमान क्या है ?
फ्रांस की विमानन कंपनी दसॉल्ट एविएशन द्वारा राफेल विमान बनाया गया था यह लड़ाकू विमान 2 इंजन वाला है। सर्वप्रथम 1970 में फ्रांसीसी सेना द्वारा अपने पुराने पड़ चुके लड़ाकू विमानों को बदलने की मांग उठी थी। इसके बाद में फ्रांस ने 4 यूरोपीय देशों के साथ मिलकर एक बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान की परियोजना पर काम करना शुरू क्र दिया था, लेकिन कुछ समय बाद में उन देशों के साथ फ्रांस के मतभेद हो गए जिसके कारण बाद में फ्रांस ने अकेले ही इस परियोजना पर काम करना शुरू कर दिया।
राफेल को लेकर पिछले कई महीनों से देश में हंगामा मचा हुआ है 2007 में भारतीय वायुसेना ने सरकार को अपनी ज़रूरत बताई थी और उस आधार पर यूपीए सरकार ने आरएफपी तैयार किया था कि वह 167 मीडियम मल्टी रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट खरीदेगा इसके लिए जो टेंडर जारी होगा उसमें यह सब भी होगा कि शुरुआती ख़रीद की लागत क्या रहेगी, विमान कंपनी भारत को टेक्नोलॉजी देगी और भारत में उत्पादन के लाइसेंस देगी सबसे पहले 10 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद राफेल डील का ऐलान करते हैं। इसके 16 दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के लिए रवाना होते हैं इस राफेल डील की प्रक्रिया में हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड कंपनी शामिल है भारत की वायुसेना 2011 में अपनी पंसद बताती है कि दो कंपनियों के विमान उसकी ज़रूरत के नज़दीक हैं एक डास्सो एविएशन का राफेल और दूसरा यूरोफाइटर्स का विमान। 2012 के टेंडर में डास्सो ने सबसे कम रेट दिया था।
राफेल की खासियत और फीचर्स
- इस विमान की सबसे बड़ी खासियत है यह कि ऊंचे इलाकों में भी लड़ने में माहिर है। राफेल एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है। यह अधिकतम 24,500 किलोग्राम का भार उठाकर उड़ने में सक्षम है। इसकी अधिकतम रफ्तार 2200 से 2500 किमी. प्रतिघंटा है और इसकी रेंज 3700 किलोमीटर हैराफेल में भारतीय वायुसेना के हिसाब से बदलाव भी किए जाएंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राफेल में लो बैंड जैमर्स, राडार वार्निंग रिसीवर्स, इजरायली हेलमेंट माउंटेड डिस्प्ले, इन्फ्रा रेड सर्च ट्रैकिंग सिस्टम और 10 घंटे का फ्लाइट डेटा रिकार्डिंग सिस्टम लगाया जाएगा।
- राफेल एक बहुत ही उपयोगी लड़ाकू विमान है। इसके एक विमान को बनाने में 70 मिलियन की लागत आती है। इस विमान की लंबाई 15.27 मीटर होती है और इसमें एक या दो पायलट ही बैठ सकते हैं राफेल विमान की भार वहन क्षमता 9500 किलोग्राम है और यह अधिकतम 24,500 किलो तक के वजन के भार के साथ 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान भरने में सक्षम है।
- राफेल की 15.27 मीटर लंबा और 5.3 मीटर ऊंचा है. इसकी फ्यूल कैपेसिटी तकरीबन 17 हजार किलोग्राम है। राफेल एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक की उड़ान भर सकता है राफेल 2,223 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ सकता है। राफेल दो इंजन वाला फाइटर जेट है राफेल मिटिऑर और स्काल्प मिसाइलों से लैस है जो जमीन से हवा में मारने भी सक्षम है. राफेल की स्काल्प की रेंज करीब 300 किलोमीटर है।राफेल का राडार 100 किमी के भीतर एक बार में 40 टारगेट का पता लगा लगा सकता है. जिससे दुश्मन के विमान को पता चले बिना भारतीय वायुसेना उन्हें देख पाएगी. एक साथ 40 टारगेट का पता लगाने की खासियत इस फाइटर जेट को दूसरों से और खास बना देता है।