Johar live desk : महाशिवरात्रि का पर्व फागुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महादेव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही विशेष चीजों से शिव जी का अभिषेक किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही दुख और संकट से छुटकारा मिलता है।
महाशिवरात्रि 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त:
महाशिवरात्रि की तिथि: 26 फरवरी 2025
चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ: 26 फरवरी 2025 को सुबह 11 बजकर 08 मिनट पर
चतुर्दशी तिथि का समापन: 27 फरवरी 2025 को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर
महाशिवरात्रि का महत्व:
महाशिवरात्रि का पर्व साल में केवल एक बार मनाया जाता है। इस दिन लोग महादेव की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस शुभ तिथि पर महादेव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। इसी वजह से इस दिन को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। इस दिन महादेव की पूजा-अर्चना करने से जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही दुख और संकट से छुटकारा मिलता है।
महाशिवरात्रि और शिवरात्रि में अंतर:
महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है, जबकि शिवरात्रि का पर्व हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। महाशिवरात्रि का महत्व शिवरात्रि से अधिक है। इस दिन भक्त महादेव की कृपा प्राप्त करने के लिए शिवलिंग का विशेष अभिषेक करते हैं। साथ ही व्रत भी किया जाता है।
महाशिवरात्रि के दिन क्या करें:
महाशिवरात्रि के दिन महादेव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस दिन विशेष रूप से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। इसके अलावा इस दिन व्रत भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही दुख और संकट से छुटकारा मिलता है।
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