रांची : झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस के डीजीपी अनुराग गुप्ता को आदेश दिया है कि वे राज्य सरकार और मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो के साथ मिलकर मादक पदार्थों के नमूने लेने और उन्हें संभालने के लिए एक नई और प्रभावी प्रक्रिया (SOP) तैयार करें. यह आदेश अदालत द्वारा मादक पदार्थों से जुड़े मामलों में साक्ष्यों को सही तरीके से संभालने में कमी पर चिंता जताए जाने के बाद दिया गया.
18 दिसंबर को मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति दीपक रोशन की अध्यक्षता में सुनवाई के दौरान अदालत ने मादक पदार्थों की बिक्री से जुड़ी गंभीर समस्याओं पर चर्चा की. जजों ने पाया कि पुलिस द्वारा जब्त किए गए मादक पदार्थों के नमूने लेने और उनका सही तरीके से दस्तावेजीकरण करने में कई बार गलतियां होती हैं, जिसके कारण अभियुक्तों को बरी किया जाता है या उन्हें जमानत मिल जाती है. इस स्थिति से निपटने के लिए अदालत ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
क्यो SOP तैयार करने का निर्देश मिला
अदालत ने इस मुद्दे को लेकर विशेष ध्यान बहरागोड़ा (पूर्वी सिंहभूम) में एक घटना पर केंद्रित किया. इस मामले में एक वाहन से लगभग 80-90 किलोग्राम मारिजुआना बरामद किया गया था, लेकिन नमूने लेने में गड़बड़ी हुई, जिससे आरोपियों को जमानत मिल गई. इस घटना ने साफ कर दिया कि मादक पदार्थों के मामले में एक सख्त और मानकीकृत प्रक्रिया की आवश्यकता है, ताकि साक्ष्यों की सही तरीके से हैंडलिंग सुनिश्चित की जा सके और ड्रग्स से जुड़े मामलों में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके.
हाईकोर्ट के आदेश
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि मादक पदार्थों के मामले में नमूने लेने और उनके दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए राज्य पुलिस को एक मजबूत, प्रभावी और मानकीकृत SOP तैयार करना होगा. यह SOP मादक पदार्थों के संग्रह, जांच, और दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया को भरोसेमंद बनाएगा, जिससे इन मामलों की जांच और अदालतों में उनके प्रभावशीलता को मजबूत किया जा सकेगा.
इस निर्णय से यह स्पष्ट है कि झारखंड हाईकोर्ट मादक पदार्थों के मामलों में पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार चाहती है, ताकि अभियुक्तों को सजा दिलाने में कोई कमी न रहे और ड्रग्स से जुड़ी समस्याओं को प्रभावी तरीके से नियंत्रित किया जा सके. अब डीजीपी अनुराग गुप्ता को यह सुनिश्चित करना होगा कि राज्य में पुलिस द्वारा जब्त किए गए मादक पदार्थों के नमूने सही तरीके से लिए जाएं और पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे, ताकि कानून के तहत अभियुक्तों के खिलाफ ठोस साक्ष्य प्रस्तुत किए जा सकें.
Also Read : गढ़वा में स्कूल बस पलटी, मासूम की गई जान, 7 से अधिक घायल