JoharLive Desk

कोलकाता : बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान बुलबुल पश्चिम बंगाल के समुद्री तट से टकरा गया। हालांकि समय बीतने के साथ यह तूफान कमजोर पड़ता दिखाई दे रहा है। पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में तेज हवाओं की चपेट में आने से अब तक 2 लोगों की मौत हो चुकी है।
तूफान प्रभावित इलाकों में राहत व बचाव टीमें भी मुस्तैद हैं। इसके अलावा एतियातन कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर शनिवार शाम छह बजे से अगले 12 घंटों तक उड़ानों का संचालन स्थगित कर दिया गया।

इस तूफान का असर बांग्लादेश और ओडिशा के कुछ हिस्सों पर पड़ा। जहां तूफान के कारण कई पेड़ उखड़ गए हैं। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि समय बीतने के साथ यह तूफान कमजोर हो जाएगा।

इस तूफान की वजह से कोलकाता और आस-पास के छह तटवर्ती जिलों में शुक्रवार से ही तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है। तूफान की विभीषिका को देखते हुए राज्य के तटवर्ती इलाकों में स्थित पर्यटन केंद्रों को शुक्रवार शाम तक पर्यटकों से खाली करा लिया गया था। ममता बनर्जी ने राहत और बचाव कार्य की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शनिवार को कंट्रोल रूम का दौरा किया था।
पीएम नरेंद्र मोदी ने तूफान बुलबुल के मद्देनजर पश्चिम बंगाल की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत की। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

बांग्लादेश में चक्रवाती तूफान बुलबुल के आने के कारण लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बांग्लादेश के कनिष्ठ आपदा प्रबंधन मंत्री एनामुर रहमान ने बताया कि 18 लाख से अधिक लोगों को शनिवार शाम तक सुरक्षित निकाला गया।

शनिवार सुबह तक 5,000 से अधिक आश्रयगृह तैयार किए गए थे। चक्रवात के कारण 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली जबकि तट पार करने के बाद इसके कमजोर पड़ने की संभावना है।

चक्रवात गंगासागर के किनारे टकराया और यह खुलना क्षेत्र से होकर गुजरेगा जिसमें सुंदरवन भी आता है। टीवी चैनल इंडिपेंडेंट की खबर के अनुसार किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए बांग्लादेश की नौसेना और तटरक्षक बल को तैयार रखा गया है।

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