Joharlive Desk

नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल में बुधवार को माहौल शांतिपूर्ण रहा जहां संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर हिंसा की अब तक कोई नई खबर नहीं मिली है। अधिकारियों ने बताया कि इसी तरह की शांति फिलहाल असम में भी बनी हुई है। वहीं गुवाहाटी में भी जनजीवन पटरी पर लौट आया है। डिब्रूगढ़ में सुबह छह बजे से 14 घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई। मेघालय की राजधानी शिलांग में कर्फ्यू में 14 घंटे की ढील दी गई लेकिन मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक अब भी लागू है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लगातार तीसरे दिन बुधवार को रैली निकाली।

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून का भारतीय नागरिकों से कोई लेना-देना नहीं है, यह केवल विदेशियों से संबंधित है। लोकसभा और राज्यसभा में बीजू जनता दल (बीजद) के सांसदों ने स्पष्ट कर दिया था कि हम एनआरसी का समर्थन नहीं करते हैं। मैं नागरिकों से अपील करता हूं कि वे शांति बनाए रखें।

चेन्नई में डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि हमने केंद्र सरकार द्वारा लाई गई नागरिकता संशोधन कानून पर एक बैठक की। बैठक में हमने इस कानून के निरसन के लिए एक प्रस्ताव पारित किया। हम 23 दिसंबर को इस अधिनियम के खिलाफ चेन्नई में एक रैली करेंगे।
पश्चिम बंगाल में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ बुधवार को भी प्रदर्शन जारी रहा, इस दौरान हिंसा की कोई खबर नहीं है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि हावड़ा जिले के संकरैल इलाके में प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने मंगलवार रात पुलिसकर्मियों पर देसी बम फेंका जिसमें एक पुलिस अधिकारी और दो अन्य कर्मी घायल हो गए। वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ आज हावड़ा मैदान से एस्प्लानेड इलाके में डोरिना क्रॉसिंग तक मार्च करेंगी। उन्होंने सोमवार और मंगलवार को भी इस कानून के विरोध में मार्च किया था।

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