Joharlive Deak
नई दिल्ली : शासित प्रदेश दीव के पास गुजरात तट पर गुरुवार को बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान महा टकराने से पहले कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। इसके कारण राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
मौसम विभाग ने मंगलवार को बताया कि नए पूर्वानुमान के मुताबिक, बहुत गंभीर चक्रवात पोरबंदर तट से पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में करीब 650 किलोमीटर की दूरी पर है और अरब सागर में वेरावल के पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में 700 किलोमीटर दूर है। बुलेटिन के जरिए विभाग ने बताया कि इसके पूर्व-उत्तर पूर्व की ओर बढ़ने बहुत संभावना है और यह तेजी से कमजोर पड़ेगा।
आशंका है कि यह सात नवंबर की सुबह चक्रवाती तूफान बनकर दीव के पास गुजरात तट को पार कर सकता है। इस दौरान 70-80 से लेकर 90 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। चक्रवात से छह नवंबर को ज्यादातर हिस्सों पर हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है और कुछ जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना है।
विभाग ने कहा कि सात नवंबर को ‘महा’ चक्रवात जब तट पर टकराएगा तो, भावनगर, सूरत, भरूच, आणंद, अहमदाबाद, बोटाद और वडोदरा में सात नवंबर को भारी बारिश होने की आशंका है। मौसम केंद्र के निदेशक जयंत सरकार ने बताया कि इस बात की संभावना है कि तट पर टकराने से पहले चक्रवात और कमजोर हो सकता है।
इसी बीच, राज्य सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने 15 अतिरिक्त टीमों को बुलाया है जबकि भारतीय नौसेना भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मंगलवार को कहा कि भले ही चक्रवात कमजोर पड़ रहा हो, लेकिन सरकार जान और माल के नुकसान को कम करने के लिए जरूरी कदम उठा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तैयारियों का जायजा लिया।
ओडिशा में अगले 24 घंटे में चक्रवाती तूफान आने की आशंका
बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र अब और शक्तिशाली हो गया है। इसके बुधवार तक चक्रवाती तूफान में बदल जाने की आशंका है। मौसम विभाग की भुवनेश्वर इकाई के निदेशक एचआर विश्वास ने बताया कि फिलहाल इसका केन्द्र पारादीप से करीबन 950 किमी. दूरी पर है। बुधवार तक यह अधिक सक्रिय हो जाएगा और तूफान का रूप ले सकता है। मौसम विभाग की जानकारी मिलने के बाद से लोगों के मन में भय का माहौल उत्पन्न हो गया है।
अगर यह चक्रवाती तूफान में तब्दील हुआ तो यह ओडिशा-पश्चिम बंगाल तट की ओर आ सकता है। हालांकि तूफान किस जगह पर स्थल भाग से टकराएगा यह अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। पर इसके असर सेे आगामी आठ नवंबर से ओडिशा के तटीय जिलों में बारिश का दौर शुरू हो जाएगा।