रांचीः स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह ने कहा कि आज हम चांद और सूर्य के लिए मिशन भेज रहे हैं। पर हम इंसानों की जो गतिविधियां है। उससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। बीते 50 सालों में हमने पर्यावरण को जितना नुकसान पहुंचाया है, उतना तो हजार साल में नहीं पहुंचा है। अरुण कुमार सिंह बुधवार को डोरंडा स्थित पलाश कम्युनिटी हॉल में झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद व सेंटर फॉर एनवायरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। कार्यशाला का विषय था इंटरनेशनल डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्काईज (नीले आसमान के लिए स्वच्छ वायु का अंतर्राष्ट्रीय दिवस)।
वायु प्रदूषण के लिये इंसान जिम्मेवारः
श्री सिंह ने कहा कि आज वायु प्रदूषण की स्थिति काफी गंभीर है। यह हालत इंसानों के द्वारा लाई गई है। उन्होंने कहा कि इसके समाधान के लिए काम करना होगा पौधों को सिर्फ लगाना ही नहीं बल्कि उन्हें बचाना भी होगा। ठोस कार्य करने की जरूरत है। सीड के डॉ मनीष ने कहा कि वायु गुणवत्ता को लेकर आम तौर पर झारखंड में बहुत ज्यादा जागरूकता नहीं है। लेकिन दिल्ली, पंजाब, हरियाणा जैसे शहरों में जो हालात बनते हैं उससे सबक लेने की जरूरत है।
हर साल करीब 65 लाख लोग समय से पूर्व मृत्यु का शिकार होते हैं: डॉ संजय
वन विभाग के पीसीसीएफ डॉ संजय श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदूषण की वजह से हर साल करीब 65 लाख लोग समय से पूर्व मृत्यु का शिकार होते हैं। इसके अलावा पर्यावरण प्रदूषण पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले तक दुनिया के सबसे प्रदूषित 10 में से 7 शहर भारत के थे। सरकारी मिलकर काम करेंगे तभी इस पर विभाग व समाज के सभी वर्ग अंकुश लग सकता है।
हमें भी सबक लेने की जरूरतः
एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन डीके सक्सेना ने कहा कि वायु प्रदूषण को लेकर हो रहे ऐसे कार्यक्रमों के दो उद्देश्य हैं। पहला तो यह कि हम इन मुद्दों को जाने समझें और दूसरा हम इनके समाधान की दिशा में किए गए और भविष्य में होनेवाले कार्यक्रमों पर ध्यान केद्रित करें। लोगों में जागरूकता का होना आवश्यक है। उससे हमें भी सबक लेने की जरूरत है। वायु प्रदूषण के बारे में जितना ज्यादा अध्ययन और डाटा मिल सकें उस पर कार्य होना चाहिए। क्योंकि तभी हम समाधान की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। देश भर में अभी 250 मॉनिटरिंग सेंटर है। जिससे हमें जरूरी जानकारी और डाटा मिलते हैं। इनके आधार पर ठोस कार्य करने की जरूरत है।
ताकि लोगों में जागरूकता आएः
झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के वाई के दास ने कहा कि यूनाइटेड नेशन के अनुसार हर साल 7 नवंबर को वायु प्रदूषण पर जागरूकता के लिए दिवस मनाया जाता है। हम यह एक दिन पहले मना रहे हैं। ताकि लोगों में जागरूकता आए। इस बार इस दिवस की थीम है कि हम एक साथ मिलकर नीले आकाश जो स्वच्छ वायु का मानक है के लिए जुटे।