ईचागढ़ : सरायकेला खरसावां जिले में स्थित ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक साधु चरण महतो का मंगलवार की दोपहर में कोलकाता में निधन हो गया। वहां उनका कुछ समय पहले से इलाज चल रहा था। साधु चरण महतो झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के बेहद करीबी थी।
वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में खरसावां से अर्जुन मुंडा चुनाव हार गए थे। चुनाव में जीत के बाद भाजपा सरकार बनाने वाली थी। ऐसे में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे अर्जुन मुंडा के लिए साधु चरण महतो अपनी ईचागढ़ विधानसभा सीट छोड़ने तक को तैयार हो गए थे। हालांकि तब अर्जुन मुंडा ने ही चुनाव लड़ने से मना कर दिया था।
साधु चरण के बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी के साथ भी पारिवारिक रिश्ते थे। मौत से ठीक 12 घंटे पहले अस्पताल पहुंचे कुणाल षाडंगी के साथ उन्होंने आखिरी बार बात की। इसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर डाल दिया गया था।
धीरे-धीरे बिगड़ गए हालात
साधुचरण महतो के करीबी लोगों ने बताया कि उनकी तबीयत सोमवार को ही काफी बिगड़ गई थी। सूचना के बाद सोमवार रात को केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, रांची के सांसद संजय सेठ व भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी कोलकाता पहुंचे थे। हालांकि इनमें से कई लोगों से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। मंगलवार को उनकी मौत के बाद उनका पार्थिव शरीर कोलकाता स्थित रवींद्रनाथ टैगोर अस्पताल से जमशेदपुर भेज दिया गया।
बुधवार को उनके पैतृक आवास पर इसे रखा जाएगा। अब तक शव को रांची स्थित भाजपा प्रदेश मुख्यालय लाने की पुष्टि नहीं हो रही है। हालांकि पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इसकी मांग कर रहे है। परिवार की सहमति के बाद इस पर अंतिम निर्णय होगा।
इलाके में शोक की लहर
साधु महतो के निधन की सूचना से पूरे ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। साधु महतो कैंसर से भी ग्रस्त थे। इसी बीच 23 अक्टूबर को उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। उसके बाद से उनकी स्थिति बहुत हद तक ठीक थी, कल अचानक तबीयत फिर खराब हुई।
भू-अर्जन पदाधिकारी को थप्पड़ मारने के लिए चर्चा में रहे
सरायकेला खरसावां जिला स्थित आदित्यपुर निवासी साधुचरण अपने आक्रामक तेवर की वजह से जनता के बीच लोकप्रिय थे। इन्होंने 2014 के विधानसभा चुनाव में पूर्व उपमुख्यमंत्री स्वर्गीय सुधीर महतो की पत्नी सविता महतो को 42,250 वोट से हराया था। साधुचरण महतो 2019 के चुनाव में भी ईचागढ़ से भाजपा के उम्मीदवार थे, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा की उम्मीदवार सविता महतो से हार गए थे। त्रिकोणीय मुकाबले में इन्हें पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह से भी कड़ी टक्कर मिली थी।
साधु महतो पर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने के कई मामले दर्ज हुए थे। विधायक रहते हुए भी केस-मुकदमे झेलने पड़े थे। फरवरी 2018 में विधायक रहते साधु चरण ने सरायकेला के चांडिल में एनएच 32 के मुआवजे को लेकर रघुनाथपुर स्थित दुर्गा मंदिर में आयोजित कैंप में तत्कालीन जिला भू-अर्जन पदाधिकारी दीपू कुमार की पिटाई कर दी थी।
वह जनता का पैसा नहीं मिलने से काफी नाराज हो गए थे। इस मामले में उन्हें लंबी कानूनी लड़ाई का सामना करना पड़ा था। जनता की हर छोटी-बड़ी समस्या को सुलझाने के लिए पूरी ताकत झोंक देते थे। स्वर्णरेखा परियोजना के विस्थापितों के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया था।