रामगढ़ : पतरातू प्रखंड लबगा पंचायत की नव निर्वाचित मुखिया हेमा कुमारी अब नहीं रहीं. उनका आकस्मिक निधन हो गया है. वह अपने कमरे में पंखा चालू करने के लिए बेड से उठकर गई थीं और तभी करंट की चपेट में आकर उनकी मौत हो गई. आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. उनके आकस्मिक निधन से पूरा क्षेत्र स्तब्ध और गमगीन है.
करमा पर्व मनाने गई थीं मायके
मिली जानकारी के अनुसार, वह करमा का पर्व मनाने मायके गईं हुई थीं. मंगलवार रात करीब 9:15 बजे वह अपने पति शिवप्रसाद मुंडा से मोबाइल पर बातचीत कर रही थीं. फिर अचानक उन्होंने कहा कि पंखा नहीं चल रहा है और वह पंखा चालू करने के लिए उठीं कि अचानक उनके चिल्लाने की आवाज आई पर फिर वह चुप हो गई. जिससे उनके पति शिवप्रसाद मुंडा को किसी अनहोनी की आशंका हुई. उन्होंने अपने जेठ साले को फोन किया मगर उनसे उनकी बात नहीं हो पाई. फिर थोड़ी ही देर में उधर से कॉल आया कि हेमा कुमारी को बिजली का करंट लग गया है. आनन फानन में उन्हें सदर अस्पताल हजारीबाग ले जाया गया, मगर उन्हें बचाया नहीं जा सका.
अंतिम दर्शन करने उमड़ी भीड़
देर रात्रि उनके शव को लबगा पंचायत के आरसाहा ग्राम लाया गया, जहां उनका निवास स्थान है. लबगा पंचायत की मुखिया के इस आकस्मिक निधन की सूचना जैसे ही क्षेत्र में फैली लोगों का हुजूम उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़ा. उनका अंतिम दर्शन करने वाले लोगों की आंखें स्वाभाविक रूप से नम नजर आईं. ऐसा हो भी क्यों ना वह सब की चहेती थीं. सबकी समस्याओं में खुद को उपलब्ध कराना और हर किसी की मुसीबत को अपनी मुसीबत समझकर यथासंभव उनकी मदद करना वह हमेशा अपना कर्तव्य मानती रही. कितने जरूरतमंदों की उन्होंने मदद की है और वे लोगों के बीच कितनी लोकप्रिय हैं. उनके अंतिम दर्शन में उमड़े जनसैलाब को देखकर सहज इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
पशु-पक्षियों से था काफी लगाव
बताते चलें कि लोगों के बीच तो वह लोकप्रिय थी ही, उन्हें पशु पक्षियों से भी काफी लगाव था. मृदुभाषी, सरल स्वभाव और स्नेह हृदय की मालकिन हेमा कुमारी के इस तरह से निधन के बाद क्षेत्र में चारों ओर दुख और गम का माहौल है.