Bhagalpur : बिहार में सार्वजनिक तालाबों और पोखरों के पानी की गुणवत्ता की जांच की जाएगी. राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) के आदेश पर राज्य के 920 तालाबों और पोखरों के पानी का परीक्षण किया जाएगा. इस जांच की जिम्मेदारी भागलपुर स्थित पीएचईडी की लैब को नोडल लैब के रूप में सौंपी गई है. इसके अलावा, बिहार के अन्य जिलों जैसे पटना, मुजफ्फरपुर, अररिया, बिहारशरीफ और सासाराम में भी जांच के लिए लैब स्थापित की गई हैं.
PHED के अधिकारियों ने बताया कि नोडल लैब में पानी के सात प्रमुख पारामीटर की जांच की जाएगी. जिनमें कलर, टेम्परेचर, डिजॉल्वड ऑक्सीजन (डीओ), बायोकेमिकल डिमांड (बीओडी), केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (सीओडी), टोटल कोलीफॉर्म (टीसी) और फेकल कोलीफॉर्म (एफसी) शामिल हैं. भागलपुर की लैब में इस जांच के लिए 82 तालाबों को जोड़ा गया है. जिनमें भागलपुर के 52, बांका के 15, बेगूसराय के छह, खगड़िया के पांच और मुंगेर के चार तालाब शामिल हैं.
अभियंता बताते हैं कि पानी के परीक्षण से यह भी पता चलता है कि तालाब में ऑक्सीजन की कितनी मात्रा है और पानी का तापमान मछलियों के पालन के लिए अनुकूल है या नहीं. पानी की जांच हर तीन महीने में की जाएगी और इसके परिणामों के आधार पर मछली पालन के लिए उपयुक्त तालाबों की पहचान की जाएगी. भागलपुर की नोडल लैब को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है और यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर, मैनपावर और उपकरणों में भी वृद्धि की गई है. जिससे गुणवत्ता की जांच में कोई कमी न आए. यह पहल जल जीवन हरियाली योजना के तहत भागलपुर समेत पांच जिलों में तालाबों और पोखरों के पानी की जांच को बढ़ावा देने के लिए की गई है, ताकि मछली पालन और जल पर्यावरण का बेहतर संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके.
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