गिरिडीहः पारसनाथ की तराई में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे सर्च अभियान में शामिल सुरक्षाबल के कुछ जवानों पर स्थानीय लोगों ने गंभीर आरोप लगाया है. जवानों पर एक नाबालिग संग दुर्व्यवहार का आरोप लगा है. इस मामले की शिकायत सदर विधायक सुदिव्य कुमार से की गई है.
रविवार को पीरटांड़ प्रखण्ड के मधुबन पंचायत अंतर्गत ढोलघट्टा के ग्रामीण स्थानीय प्रधान ( मुखिया) निर्मल तुरी के नेतृत्व में विधायक सुदिव्य कुमार के आवास पर पहुंचे. यहां पर विधायक को एक आवेदन दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि एक 12-13 वर्ष की बच्ची शनिवार को स्कूल से घर वापस लौट रही थी. इसी दौरान वह धान के खेत में रूकी थी, तभी लॉन्ग रूट पेट्रोलिंग पर निकले जवानों में से एक ने उसे बुलाया, वह जब नहीं गई तो उसे घसीटकर ले जाया गया. विधायक को दिए आवेदन में बच्ची ने कहा है कि दोपहर तीन बजे से लेकर शाम 6 बजे तक जवान उसे जहां तहां घुमाते रहे और इस दौरान उसके साथ काफी दुर्व्यवहार किया गया.
आंदोलन की चेतावनी
इस दौरान ग्रामीणों के साथ पहुंचे वार्ड सदस्य के पति राजेश किस्कू ने कहा कि सर्च अभियान के नाम पर ग्रामीणों के साथ अत्याचार किया जा रहा है. किस्कू का कहना है कि 19 नवंबर से क्षेत्र में सर्च अभियान चल रहा है. इस दौरान बच्ची के साथ दुर्व्यवहार किया गया. कहा कि इससे पहले 2003 में जवानों ने गांव के छोटेलाल किस्कू को गोली मार दिया था. 9 जून 2017 में मोतीलाल बास्के को उग्रवादी कहकर गोली मार दी थी लेकिन इंसाफ नहीं मिला. अब वे इस अत्याचार के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे और जरूरत पड़ी तो प्रधानमंत्री के पास भी जाएंगे. प्रधान निर्मल तुरी ने कहा कि इस मामले में सुनवाई नहीं की गई तो राज्य के मुखिया हेमंत सोरेन के पास भी शिकायत करेंगे.
विधायक ने दिलाया न्याय का भरोसा
इधर ग्रामीणों और पीड़ित बच्ची की बात को सुनने के बाद सदर विधायक सुदिव्य ने जांच करवाने की बात कही. उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि इस पूरी घटना से एसपी को अवगत कराया जाएगा, जो भी दोषी होगा उसकी पहचान कराई जाएगी और कार्रवाी भी होगी.
आवदेन मिलने पर होगी जांच: एसडीपीओ
डुमरी के एसडीपीओ मनोज कुमार ने कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है. किसी ने इसकी शिकायत भी नहीं की है. मामले में कोई शिकायत करता है या आवेदन आता है तो इसकी जांच कराई जाएगी.