कोच्चि: वक्फ बोर्ड के संशोधन बिल को लेकर एक ओर जहां विवाद तेज़ हो गया है. वहीं, इस बीच केरल में एक और नया मोर्चा खुल गया है, जहां राज्य के लगभग 1000 चर्चों ने वक्फ बोर्ड के खिलाफ संघर्ष छेड़ दिया है. चर्चों का आरोप है कि वक्फ बोर्ड ग्रामीणों की ज़मीन पर अवैध कब्जा करने की कोशिश कर रहा है, जिससे एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है.

क्या है विवाद की जड़

विरोध का मुख्य कारण कोच्चि जिले के मुनंबम और चेराई गांवों की ज़मीन है. स्थानीय ईसाई परिवारों का कहना है कि वे कई पीढ़ियों से इन ज़मीनों पर रह रहे हैं और उन्होंने इसके बदले टैक्स भी जमा किया है. बावजूद इसके  वक्फ बोर्ड इन ज़मीनों पर अपना दावा कर रहा है, जो स्थानीय परिवारों के अनुसार पूरी तरह अवैध है. इन ज़मीनों के रजिस्ट्रेशन भी स्थानीय निवासियों के नाम हैं  और इस मुद्दे पर चर्च ने कड़ा विरोध भी जताया है.

भूख हड़ताल पर उतरे लोग

विरोध इतना बढ़ चुका है कि कई लोग भूख हड़ताल पर उतर आए हैं और बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं. मुनंबम भू संरक्षण समिति के प्रदर्शनकारियों ने साफ किया है कि यदि यह विवाद जल्द सुलझाया नहीं गया तो वे और भी कड़े कदम उठाएंगे.

र्चबिशप ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की अपील की

सिरो-मालाबार चर्च के आर्चबिशप राफेल थाटिल ने केंद्र और राज्य सरकार से हस्तक्षेप करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि यह एक मानवीय मुद्दा है, जिसे लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीके से हल किया जाना चाहिए. रविवार को आर्चबिशप ने मुनंबम में भूख हड़ताल कर रहे प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और अपना समर्थन जताया.

केरल कैथोलिक कांग्रेस का नेतृत्व

विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व सिरो-मालाबार चर्च ने किया, और इसका आयोजन ऑल केरल कैथोलिक कांग्रेस द्वारा किया गया. इस विरोध में एक हजार से ज्यादा चर्चों ने भाग लिया, जिससे इस मुद्दे की गंभीरता और बढ़ गई है.

मंत्री का आया बयान, जल्द सुलझा लिया जाएगा मुद्दा

केरल के वक्फ और हज तीर्थयात्रा मंत्री वी अब्दुर्रहीमन ने बयान दिया है कि सरकार मुनंबम से किसी भी व्यक्ति को बेदखल नहीं करेगी और यह मुद्दा जल्द सुलझाया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और सरकार इस मामले को हल करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी.

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